फरीदाबाद. आंखों से दिव्यांग एक व्यक्ति को इंसाफ नहीं मिला तो उसने कैबिनेट मंत्री से गुहार लगाई है. वह बीते लगभग 15 दिनों से इंसाफ के लिए दर-दर भटक रहा है. आखों से दिव्यांग यह व्यक्ति कैंसर से पीड़ित अपनी नेत्रहीन मां को दवाई दिलवाने निजी बस में सवार होकर हिसार जा रहा था. उसका आरोप है कि बीते दिनों निजी बस चालक व परिचालक ने परिवार सहित बीच रास्ते बस से नीचे उतार दिया था. इसकी शिकायत उसने रोडवेज अधिकारियों से की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है. इसके बाद वह मंत्री से मदद की गुहार लगा रहा है.
जानकारी के मुताबिक, विक्रम सिंह टोहाना विधानसभा के गांव कन्हड़ी का रहने वाला है. विक्रम आंखों से 100 फीसद दिव्यांग है. परिवार में उसकी मां भी आंखों से 100 प्रतिशत दिव्यांग है. इसके अलावा मां कैंसर से पीड़ित हैं. विक्रम शादीशुदा है, उसकी 1 वर्षीय एक बेटी भी है. विक्रम व उसकी मां का सरकार की ओर से दिव्यांग पहचान पत्र भी बना हुआ है, जिसके आधार पर वह निजी व सरकारी बस में बिना टिकट सफर कर सकता है. वह अपने गांव कन्हड़ी से अपनी पत्नी व एक वर्षीय बच्ची के साथ कैंसर की बीमारी से पीड़ित अंधी मां को हिसार अस्पताल से दवाई दिलवाने जा रहा था तभी बस चालक ने उसे बीच रास्ते बरवाला में धक्के मार कर बस से नीचे उतार दिया था.
15 दिन से कार्रवाई के लिए भटक रहा दिव्यांग
पीड़ित विक्रम सिंह ने बताया कि बीते लगभग 15 दिनों से वह इंसाफ के लिए अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर काट रहा है, लेकिन इतने दिन बीत जाने के बावजूद भी निजी बस चालक व परिचालक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार दिव्यांगों के लिए अनेकों सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है फिर भी उन्हें इंसाफ के लिए धक्के खाने पड़ते हैं. चुनाव के समय दिव्यांगों का वोट पाने के लिए अन्य संसाधनों का प्रबंध करवाया जाता है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं होती है.
मंत्री से भी लगाई गुहार
उसने बताया कि वह 100% आंखों से दिव्यांग है. उसकी माता जो कैंसर की बीमारी से ग्रस्त है वह भी 100 फीसद आंखों से दिव्यांग है. ऐसे में चालक व परिचालक द्वारा उन्हें धक्के मार कर बीच रास्ते बस से नीचे उतार दिया गया, जिस कारण उसको आर्थिक नुकसान भी हुआ है. उसका आरोप है कि अब निजी बस चालक उस पर शिकायत वापिस लेने का दबाव बना रहा है. कैबिनेट मंत्री देवेंद्र सिंह बबली से अपील करते हुए शिकायतकर्ता ने कार्रवाई की मांग की है.