हरियाणा
अब वहां 70 युवा कर रहें हैं प्रैक्टिस, जिस गांव में नीरज चोपड़ा अकेले फेंकते थे भाला
Gulabi Jagat
7 Aug 2022 4:01 AM GMT
x
गांव के कुल 70 युवा भाला फेंकने की प्रैक्टिस कर रहे हैं
पानीपत टोक्यो ओलिंपिक्स के जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा के स्वर्ण जीतने के बाद देश में हर सात अगस्त को जैवलिन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई ((Javelin Throw Day) है. इस साल पहला जैवलिन दिवस है. हरियाणा के पानीपत जिले के छोटे से गांव खंडरा में जहां नीरज पहले अकेले ही भाला फेंक गेम के खिलाड़ी थे, आज उसी अकेले गांव से 70 युवा भाला फेंक गेम का अभ्यास कर रहे (Javelin Throw Player Neeraj Chopra Panipat) हैं.
नीरज के टोक्यो ओलंपिक गेम में गोल्ड मेडल जीतने के बाद जैवलिन थ्रो गेम को नई पहचान मिली (Javelin Throw Game) है. अब इस गेम में लगातार खिलाड़ियों की संख्या बढ़ती जा रही है गांव से लेकर शहर में लड़के व लड़कियां भाला फेंकने का अभ्यास कर रही हैं. पिछले साल शिवाजी स्टेडियम पानीपत (Shivaji Stadium Panipat) में हुई जिलास्तरीय भाला फेंक प्रतियोगिता में 250 से ज्यादा खिलाड़ियों ने शिरकत किया था. इससे आयोजक भी हैरत में थे. नीरज की चचेरी बहन नैंसी ने भी पदक जीता था. इसके अलावा कई प्रतिभावान खिलाड़ी सामने आए.
गांव के कुल 70 युवा भाला फेंकने की प्रैक्टिस कर रहे हैं.
खिलाड़ियों में बढ़ा रुझान- नीरज के चाचा भीम चोपड़ा ने बताया कि 7 अगस्त का दिन खास दिन है. क्योंकि यह दिन जेवलिन थ्रो डे के रुप में मनाया जा रहा (Javelin Throw Day) है. करनाल में आयोजित राज्य स्तरीय जेवलिन थ्रो चैंपियनशिप में हमें बतौर चीफ गेस्ट बुलाया (State Level Javelin Throw Championship Karnal) है. हमारे गांव से रोजाना 70 बच्चे जेवलिन थ्रो के अभ्यास के लिए बाहर जाने लगे हैं.
भीम चोपड़ा ने कहा कि भतीजे नीरज के मेडल जीतने के बाद एक प्ररेणा सी जगी है. इन बच्चों में से करीब तीन बच्चे राज्य स्तरीय भी खेल चुके हैं. बच्चों के अलग ही उत्साह है. पिछले करीब 3 साल से हरेंद्र गाहल्याण जिन्हें मोंटू कहते हैं, वह बच्चों को बहुत अच्छी कोचिंग दे रहे हैं.
80 साल के बुजुर्ग भी पीछे नहीं पानीपत की दर्शाना देवी मास्टर ऐथलीट चेपियनशिप में 2 बार गोल्ड मेडल जीत चुकी है.
उन्होनें कहा कि खंडरा गांव ही नही बल्कि पानीपत में भी ऐसे खिलाड़ी देखने को मिले है जो नीरज के गोल्ड मेडल जीतने के बाद भरी भरकम शरीर को कम कर जेवलिन की प्रैक्टिस करते दिख रहे (Javelin Throw Day) हैं. इतना ही नहीं बल्कि 80 साल के बुजुर्ग भी पीछे नहीं पानीपत की दर्शाना देवी मास्टर ऐथलीट चेपियनशिप में 2 बार गोल्ड मेडल जीत चुकी है.
Gulabi Jagat
Next Story