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भगवान भोलेनाथ की आराधना के लिए सावन का महीना सबसे अच्छा माना जाता
शिमला: भगवान भोलेनाथ की आराधना के लिए सावन का महीना सबसे अच्छा माना जाता है. इसी महीने हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2022) पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना का दौर सुबह से ही शुरू हो जाता है. हरियाली अमावस्या के दिन नदी स्नान और दान का भी महत्व रहता है. मान्यता है कि इस दिन पितरों की आत्मा के शांति के लिए तर्पण, पिंडदान भी किया जाता है.
आज रात होगा अमावस्या का प्रारंभ: पंडित शिव रतन जोशी ने बताया हरियाली अमावस्या की शुरुआत बुधवार यानि 27 जुलाई की रात को 8 बजकर 20 मिनट से होगी. वहीं, वीरवार यानि 28 जुलाई को रात 10 बजकर 16 मिनट पर समापन होगा. पंडित जोशी के मुताबिक इस बार व्रत गुरुवार को रहेगा.
गुरु-पुष्य नाम का शुभ योग बनेगा: वहीं,. पंडित शुभाष शर्मा ने बताया वीरवार को पुष्य नक्षत्र होने के कारण गुरु-पुष्य नाम का शुभ योग भी रहेगा. इस तरह के योग कई सालों में बनते हैं. इस दिन सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक पुनर्वसु नक्षत्र होने के कारण सिद्दि योग बनेगा उसके बाद पुष्य नक्षत्र होने के शुभ नाम के योग भी बनेंगे. इस दिन बहुत सारे शुभ योगों का होना दुर्लभ संयोग रहेगा. सारा दिन पुष्य नक्षत्र रहेगा.
पीपल की परिक्रमा और पितरों को रखे भोजन: हरियाली अमावस्या पर पितरों की कृपा पाने के लिए भी पिंडदान किया जाता है. यदि कोई पितृ दोष से पीड़ित हो और उसके काम बनते-बनते बिगड़ जाते हों तो इस दिन भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करें. शिवलिंग का जलाभिषेक के अलावा ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए. पीपल का पौधा लगाने सहित अन्य पौधे लगाना हरियाली अमावस्या पर शुभ माना गया है. वहीं, पीपल के पेड़ पर घी का दीपक जलाकर शिव जी की आराधान करना चाहिए. उसके बाद परिक्रमा करना उत्तम माना गया है. वहीं, पितरों के लिए भोजन-पानी रखने से भी फायदा मिलता है.
खीर का भोग लगाना चाहिए: हरियाली अमावस्या पर सूर्यास्त के बाद खीर का भोग भगवान आशुतोष को लगाकर गरीबों में बांटना चाहिए. इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहेगी. वहीं, रात को घर के मुख्य गेट पर दोनों ओर घी का दीपक लगाना भी शुभ माना जाता है.
गुस्सा नहीं करना चाहिए : हरियाली अमावस्या को पवित्र दिन माना जाता है, इसलिए इस दिन शराब, मांसाहार का सेवन करने से परहेज करना चाहिए. वहीं, इस दिन पेड़-पौधों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए. किसी के प्रति बुरे विचार और गुस्सा करने से बचना चाहिए. भगवाश शिव की आराधना करना चाहिए.
Tagsभगवान भोलेनाथ
Gulabi Jagat
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