हरियाणा
हरयाणा : खिलाड़ियों ने पदकों से भर दी झोली, खेलो इंडिया की जमीन से मिली एशियाड में सफलता
Tara Tandi
9 Oct 2023 6:07 AM GMT
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ऊंची उड़ान के लिए मजबूत जमीन जरूरी होती है। आज जब देश एशियाई खेलों में पदकों के शतक की खुशी मना रहा है, तब खेलो इंडिया में हरियाणवी खिलाड़ियों की मेहनत याद आ रही है। पहलवान अंतिम पंघाल और दीपक पूनिया, बॉक्सर प्रीति पंवार और प्रवीन हुड्डा जैसे न जाने कितने नाम हैं, जिन्होंने खेलो इंडिया के जरिए वो जज्बा पाया जो एशियाड में देश को उस ऊंचाई तक ले आया। इन पर हर देशवासी को गर्व होना लाजिमी है।
खिलाड़ियों ने खेलो इंडिया में पदक जीतने के लिए खूब मेहनत की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब खेलो इंडिया कार्यक्रम शुरू किया था तो गांव-गांव से चैंपियन निकलने की बात कही थी। हरियाणा के खिलाड़ियों और सरकार दोनों ने इन खेलों को गंभीरता से लिया। हिसार, रोहतक, सोनीपत, झज्जर से लेकर यमुनानगर और रेवाड़ी-नारनौल तक के खिलाड़ियों ने खेलो इंडिया में पदक जीतने के लिए खूब मेहनत की। नतीजा खेलो इंडिया-2021 में हरियाणा ने 52 स्वर्ण, 39 रजत और 46 कांस्य पदक जीतकर देश में पहला स्थान पा लिया।
पदक जीतने वालों की सूची में हरियाणा आगे रहा
इसके बाद खेलो इंडिया 2023 में तो हरियाणा का दल इतना बड़ा हो गया मानो हर छठवां खिलाड़ी यहीं से था। हरियाणा के 468 खिलाड़ियों में 128 ने पदक जीतकर साबित कर दिया था कि वर्ल्ड चैंपियनशिप, एशियाई खेल और ओलंपिक में उनका ही डंका बजने वाला है। हुआ भी वैसा ही है। एशियाड-23 में भारत ने जो 107 पदक जीते हैं, उनमें 33 हरियाणा के होनहारों के नाम दर्ज हैं। टीम इवेंट हो या एकल स्पर्धा, किसी एक राज्य के खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा पदक जीतने वालों की सूची में हरियाणा आगे रहा।
एशियाड में पहली बार पदक जीतने वाले ज्यादातर होनहार खिलाड़ी खेलो इंडिया में स्वर्णिम सफलता हासिल कर निकले हैं। ये पदक विजेता अपने गांवों और शहरों के लिए उन बच्चों के लिए प्रेरणा बनेंगे, जो तमाम अभाव के बीच बड़े सपने देखते हैं। हरियाणा के खिलाड़ियों ने अपना दायरा बढ़ाकर जिस तरह से ओलंपिक के टिकट पक्के किए हैं, वह दुनिया के सबसे बड़े खेल महाकुंभ में सफलता की आहट भी दे रहा है, इसलिए राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा अब तक का सबसे बड़ा दल भेजने की तैयारी कर रहा है।
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