हरियाणा : '2 दिन का वक्त है फिर...', गुरुग्राम की झुग्गी-बस्ती में पोस्टर से तनाव
हरियाणा: हरियाणा में गुरुग्राम के सेक्टर 69A में पोस्टर मामले के बाद से हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं। रविवार रात को इस मेगा सिटी की एक झुग्गी-बस्ती में रहने वालों को लेकर धमकी भरे पोस्टर लगाए गए थे। मालूम हो कि इस झुग्गी-बस्ती के ज्यादातर निवासी मुसलमान हैं। ये पोस्टर ऐसे समय में लगाए गए, जब विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने नूंह में सोमवार को फिर से बृज मंडल शोभा यात्रा निकालने की अपील की थी। इसे लेकर दर्ज शिकायत में माजिद ने कहा कि रविवार सुबह उसे अपनी चाय की दुकान की दीवार पर पोस्टर चिपका मिला।
आरोप है कि पोस्टर में विहिप और बजरंग दल का नाम था और सभी मुसलमानों से सोमवार तक जगह खाली करने या अपनी मौत के लिए जिम्मेदार होने की धमकी दी गई। हालांकि, शिकायतकर्ता को आसिफ नाम के व्यक्ति पर संदेह है कि उसने उसे धमकी देने और क्षेत्र में हिंसा भड़काने के लिए पोस्टर चिपकाया। इस बीच, VHP ने पोस्टरों से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है और उसे बदनाम करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस घटना के सिलसिले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पोस्टर मामले में अभी नहीं हुआ कोई गिरफ्तार
स्थानीय पुलिस ने शिकायत मिलने पर ये पोस्टर हटा दिए थे। हालांकि, तब तक यहां रहने वालों के बीच दहशत और भय फैल गया था। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक सहायक पुलिस आयुक्त मनोज कुमार ने बताया, 'हमने पोस्टर हटा दिए और मामले की जांच चल रही है।' उन्होंने यह भी कहा कि ये झुग्गियां अवैध हैं। पोस्टर मामले में अभी तक पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। ना ही इस घटना के जिम्मेदार लोगों की पहचान हो पाई है। स्थानीय लोग इस पर चिंता जाहिर कर रहे हैं।
पोस्टर वाली घटना के बाद डरे लोग
सेक्टर 69A की झुग्गी-बस्ती भले ही अवैध निर्माण हो, मगर ये लोग इसे अपना घर कहते हैं। इनका कहना है कि वे यहां कई वर्षों से रह रहे हैं। इनमें से कई सारी महिलाएं पास के ऊंचे अपार्टमेंट में घरेलू मददगार के तौर पर काम करती हैं। जाहिर है कि पोस्टर वाली घटना के बाद से ये लोग डरे हुए हैं। एक महिला ने बताया, 'हम अपने बच्चों को लेकर ज्यादा भयभीत हैं। जब मैं और मेरे पति काम पर जाते हैं तो बच्चे यहां अकेले रह जाते हैं। दंगों के बाद हम गांव गए थे, लेकिन अब ये पोस्टर सामने आ गए हैं।'
नूंह हिंसा के बाद गुरुग्राम के कुछ इलाकों में तनाव
गौरतलब है कि जुलाई में नूंह में हिंसा हुई जिसमें 6 लोग मारे गए थे। इस घटना के बाद से गुरुग्राम के कुछ हिस्सों में भी तनाव है। खासकर मुस्लिम दुकानदारों पर हमलों की खबरों को लेकर लोग चिंतित हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, डर के कारण कई परिवार पहले ही पलायन कर चुके हैं। जो लोग अब तक वहीं रुके हैं वे घबराए हुए हैं। ऐसा ही हाल सेक्टर 69ए झुग्गी में रहने वाले लोगों का है। पुलिस ने बताया कि नूंह में हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 60 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और 305 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने के आरोप में 11 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई और उनमें से एक को गिरफ्तार कर लिया गया है।में गुरुग्राम के सेक्टर 69A में पोस्टर मामले के बाद से हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं। रविवार रात को इस मेगा सिटी की एक झुग्गी-बस्ती में रहने वालों को लेकर धमकी भरे पोस्टर लगाए गए थे। मालूम हो कि इस झुग्गी-बस्ती के ज्यादातर निवासी मुसलमान हैं। ये पोस्टर ऐसे समय में लगाए गए, जब विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने नूंह में सोमवार को फिर से बृज मंडल शोभा यात्रा निकालने की अपील की थी। इसे लेकर दर्ज शिकायत में माजिद ने कहा कि रविवार सुबह उसे अपनी चाय की दुकान की दीवार पर पोस्टर चिपका मिला।
आरोप है कि पोस्टर में विहिप और बजरंग दल का नाम था और सभी मुसलमानों से सोमवार तक जगह खाली करने या अपनी मौत के लिए जिम्मेदार होने की धमकी दी गई। हालांकि, शिकायतकर्ता को आसिफ नाम के व्यक्ति पर संदेह है कि उसने उसे धमकी देने और क्षेत्र में हिंसा भड़काने के लिए पोस्टर चिपकाया। इस बीच, VHP ने पोस्टरों से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है और उसे बदनाम करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस घटना के सिलसिले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
स्थानीय पुलिस ने शिकायत मिलने पर ये पोस्टर हटा दिए थे। हालांकि, तब तक यहां रहने वालों के बीच दहशत और भय फैल गया था। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक सहायक पुलिस आयुक्त मनोज कुमार ने बताया, 'हमने पोस्टर हटा दिए और मामले की जांच चल रही है।' उन्होंने यह भी कहा कि ये झुग्गियां अवैध हैं। पोस्टर मामले में अभी तक पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। ना ही इस घटना के जिम्मेदार लोगों की पहचान हो पाई है। स्थानीय लोग इस पर चिंता जाहिर कर रहे हैं।
सेक्टर 69A की झुग्गी-बस्ती भले ही अवैध निर्माण हो, मगर ये लोग इसे अपना घर कहते हैं। इनका कहना है कि वे यहां कई वर्षों से रह रहे हैं। इनमें से कई सारी महिलाएं पास के ऊंचे अपार्टमेंट में घरेलू मददगार के तौर पर काम करती हैं। जाहिर है कि पोस्टर वाली घटना के बाद से ये लोग डरे हुए हैं। एक महिला ने बताया, 'हम अपने बच्चों को लेकर ज्यादा भयभीत हैं। जब मैं और मेरे पति काम पर जाते हैं तो बच्चे यहां अकेले रह जाते हैं। दंगों के बाद हम गांव गए थे, लेकिन अब ये पोस्टर सामने आ गए हैं।'
आरोप है कि पोस्टर में विहिप और बजरंग दल का नाम था और सभी मुसलमानों से सोमवार तक जगह खाली करने या अपनी मौत के लिए जिम्मेदार होने की धमकी दी गई। हालांकि, शिकायतकर्ता को आसिफ नाम के व्यक्ति पर संदेह है कि उसने उसे धमकी देने और क्षेत्र में हिंसा भड़काने के लिए पोस्टर चिपकाया। इस बीच, VHP ने पोस्टरों से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है और उसे बदनाम करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस घटना के सिलसिले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
स्थानीय पुलिस ने शिकायत मिलने पर ये पोस्टर हटा दिए थे। हालांकि, तब तक यहां रहने वालों के बीच दहशत और भय फैल गया था। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक सहायक पुलिस आयुक्त मनोज कुमार ने बताया, 'हमने पोस्टर हटा दिए और मामले की जांच चल रही है।' उन्होंने यह भी कहा कि ये झुग्गियां अवैध हैं। पोस्टर मामले में अभी तक पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। ना ही इस घटना के जिम्मेदार लोगों की पहचान हो पाई है। स्थानीय लोग इस पर चिंता जाहिर कर रहे हैं।
सेक्टर 69A की झुग्गी-बस्ती भले ही अवैध निर्माण हो, मगर ये लोग इसे अपना घर कहते हैं। इनका कहना है कि वे यहां कई वर्षों से रह रहे हैं। इनमें से कई सारी महिलाएं पास के ऊंचे अपार्टमेंट में घरेलू मददगार के तौर पर काम करती हैं। जाहिर है कि पोस्टर वाली घटना के बाद से ये लोग डरे हुए हैं। एक महिला ने बताया, 'हम अपने बच्चों को लेकर ज्यादा भयभीत हैं। जब मैं और मेरे पति काम पर जाते हैं तो बच्चे यहां अकेले रह जाते हैं। दंगों के बाद हम गांव गए थे, लेकिन अब ये पोस्टर सामने आ गए हैं।'
नूंह हिंसा के बाद गुरुग्राम के कुछ इलाकों में तनाव