सोनीपत. हरियाणा में अवैध खनन माफिया द्वारा डीएसपी को कुचले जाने की घटना के बाद हरियाणा सरकार एक्शन में है. हरियाणा सरकार ने अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए अलग-अलग विभागों को इसकी जिम्मेवारी सौंप रखी है, लेकिन उसके बावजूद भी अवैध खनन माफिया खनन करने से बाज नहीं आ रहे हैं. मंगलवार को तावडू डीएसपी सुरेंद्र सिंह की हत्या के बाद विपक्ष भी लगातार सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठा रहा है. वहीं ऐसे में सोनीपत में अवैध खनन की बात करें तो यहां पर भी कई खनन माफिया अवैध खनन करने से बाज नहीं आ रहे हैं, हालांकि विभाग इन पर शिकंजा कसने की कोशिश में जुटा है.
सोनीपत खनन विभाग द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार 2019 से लेकर आज तक लगभग 711 वाहनों को जब्त किया गया है, जिनसे सोनीपत जिले में अवैध खनन किया जा रहा था. इनसे लगभग साढ़े 11 करोड़ की धनराशि भी वसूल की गई है. हरियाणा सरकार ने यमुना नदी में खनन के लिए सोनीपत जिले में चार खनन कंपनियों को खनन करने का टेंडर दे रखा है, लेकिन उसके बावजूद भी खनन माफिया सोनीपत जिले में फल-फूल रहे हैं.
35 को ही खानन की मान्यता, कर रहे हैं सैकड़ों
आपको बता दें खनन विभाग के अनुसार सोनीपत जिले में हरियाणा विभाग द्वारा 35 स्टॉक को मान्यता दी गई है जो एमडीएल कहलाती है, लेकिन हमारे सूत्रों के अनुसार सोनीपत जिले में सैकड़ों स्टॉकिस्ट अपना अवैध खनन का कारोबार कर रहे हैं. खनन विभाग के अधिकारियों के अनुसार पिछले 2 महीने में चार खनन माफियाओं पर एफआईआर दर्ज करवाई गई है. वहीं जिला खनन अधिकारी अशोक कुमार के अनुसार यमुना में खनन कंपनी केवल 3 मीटर तक ही यमुना में खनन कर सकती है, और उन्हें रेत का स्टॉक लगाने के लिए यमुना क्षेत्र से 5 किलोमीटर दूर लगाना पड़ेगा.
यमुना में सिर्फ तीन मीटर खनन की अनुमति
सोनीपत खनन विभाग अधिकारी अशोक कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि 2019 से लेकर इस महीने तक खनन विभाग ने खनन माफियाओं पर शिकंजा कसते हुए 711 वाहनों को जब्त किया है. इस कार्रवाई में उनसे साढ़े 11 करोड़ रुपए के आसपास वसूल किए हैं. वहीं उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि सोनीपत जिले में हरियाणा विभाग द्वारा 35 स्टॉक को मान्यता दी गई है. सोनीपत जिले में चार खनन कंपनियों को खनन करने का टेंडर दिया गया है. वह केवल 3 मीटर तक यमुना में खनन कर सकती हैं और जो स्टॉक लगाना होगा कंपनियों को 5 किलोमीटर यमुना क्षेत्र को छोड़कर लगाना होगा. एनजीटी के नियमों के अनुसार नियम ना मानने वालों पर कार्रवाई की जाती है.