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पिछले करीब 5 दिनों से नगर निगम के सफाई कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। ऐसे में शहर में चारों और कचरे के ढेर लग गए हैं। सड़क पर कूड़ा फैला हुआ है जिसके कारण उठने वाली बदबू से लोगों का जीना मुहाल होने लगा है। लगातार शहर में हो रहे सफाई कर्मचारियों के प्रदर्शन के बावजूद भी सरकार और प्रशासन की नींद नहीं खुल रही है। ऐसे में लोगों को दिवाली का त्यौहार भी गंदगी के बीच ही मनाना पड़ रहा है।
दरअसल नगर निगम के कुछ सफाई कर्मचारियों को पिछले दिनों नौकरी से निकाल दिया गया था। नगर निगम में सफाई कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर लगे हुए हैं। या कर्मचारी पिछले लंबे समय से नगर निगम के अधीन किए जाने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा निकाले गए कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर लिए जाने की भी मांग कर रहे हैं। कुछ समय पहले भी अपनी मांगों को लेकर नगर निगम कर्मचारियों ने शहर में प्रदर्शन किया था जिसके बाद सरकार ने उन्हें आश्वासन देते हुए जल्दी उनकी मांगों को माने जाने की बात कही थी लेकिन आज तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। निगम कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए 19 अक्टूबर को दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल की थी ताकि सरकार उनकी बातों को मान ले, लेकिन सरकार ने अपना अड़ियल रवैया अपनाए रखा जिसके कारण निगम कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल को आगे बढ़ा दिया।
हैरत की बात यह है कि नगर निगम की तरफ से भी सफाई कर्मचारियों को समझाने का कोई प्रयास नहीं किया गया जिसका नतीजा यह निकला कि आज पूरा शहर कूड़े के ढेर में तब्दील होता जा रहा है। सड़क किनारे कूड़ा पड़ा हुआ है। जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। यहां तक कि सदर बाजार में फैली गंदगी में ही लोगों को दिवाली की खरीदारी करनी पड़ रही है। हालात यही रहे तो वह दिन दूर नहीं है जब शहर में महामारी फैल जाएगी।
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