हरियाणा

एक्शन में आया दमकल विभाग, गुरुग्राम में 900 से ज्यादा इमारतों को नोटिस

Ritisha Jaiswal
2 Aug 2022 1:51 PM GMT
एक्शन में आया दमकल विभाग,  गुरुग्राम में 900 से ज्यादा इमारतों को नोटिस
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दिल्ली से सटे गुरुग्राम में 900 से ज्यादा हाईराइज और ग्रुप हाउसिंग इमारतों में आगजनी से निपटने के लिए संसाधन नहीं हैं।

दिल्ली से सटे गुरुग्राम में 900 से ज्यादा हाईराइज और ग्रुप हाउसिंग इमारतों में आगजनी से निपटने के लिए संसाधन नहीं हैं। इन इमारतों में या तो फायर सेफ्टी उपकरण खराब हो चुके हैं या फिर इनको कई वर्षों से बदले नहीं गए हैं। दमकल विभाग ने ऐसी इमारतों को नोटिस जारी किए हैं। अधिकारियों के अनुसार, तीन बार नोटिस जारी करने के बाद भी यदि एनओसी नहीं लेते तो इन इमारतों को सील करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।


बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली की एक इमारत में आग लगने से 27 लोगों की मौत हो गई थी। गुरुग्राम में भी सावधानी नहीं बरती गई तो बड़ा हादसा हो सकता है। कई सोसाइटी में एनओसी लेने को लेकर आरडब्ल्यूए और बिल्डर के बीच विवाद चल रहा है। दोनों एक-दूसरे पर फायर एनओसी की जिम्मेदारी थोप रहे हैं। बिल्डरों की यह लापरवाही इन इमारतों में रहने वाले लोगों पर कभी भी भारी पड़ सकती है।अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के अनुसार शहर में 571 पंजीकृत पीजी, 188 ग्रुप हाउसिंग बिल्डिंग और 178 बहुमंजिला इमारतों का फायर एनओसी समाप्त हो चुका है।

तीन माह से सिर्फ नोटिस देने में व्यस्त दमकल विभाग: शहर में बिना फायर सेफ्टी के सैकड़ों बहुमंजिला इमारतों में रह रहे लाखों लोगों की जिंदगी को खतरा है, लेकिन दमकल विभाग सिर्फ इन बिल्डरों को बीते तीन माह से नोटिस देने में ही व्यस्त है। फायर सेफ्टी को लेकर दमकल विभाग की तरफ से आज तक किसी भी बिल्डर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। मई माह से लेकर अब तक दमकल विभाग दो-दो बार सभी बिल्डरों को फायर एनओसी लेने व नवीनीकरण के लिए नोटिस जारी कर चुका है। इसके बाद भी बिल्डरों पर इन नोटिसों से कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है।

पंजीकृत पीजी भी बिना फायर उपकरण के चल रहे

शहर में हजारों की संख्या में अवैध पीजी रिहायशी इलाकों में चल रहे हैं। हजारों पीजी में से सिर्फ 571 ऐसे पीजी संचालक हैं, जिन्होंने पीजी को पंजीकृत करवाया हुआ है। इनमें किसी के पास भी फायर सेफ्टी के उपकरण मौजूद नहीं है। ऐसे में इन पीजी में रह रहे लोगों की जिंदगी के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है।

आगजनी की घटनाएं

1. 26 जनवरी 2022 को डीएलएफ फेस-3 में आग लगी थी, इसमें 65 लोगों को सकुशल बचाया गया था।

2. 27 मार्च को बादशाहपुर में पीजी के कमरे में आग लगी थी।

3. 12 जनवरी 2022 सेक्टर 50 के पीजी में आग लगी थी।

4. 15 सितंबर 2019 को मानेसर पीजी में आग लगी थी।

5. 16 फरवरी 2021 को सेक्टर-51 में 4 मंजिला पीजी के 3 फ्लोर में आग लगी थी।

6. अगस्त 2020 में सेक्टर-55 में पीजी के ग्राउंड फ्लोर पर आग लगी थी।

ऊंची इमारतों के लिए दिक्कत

शहर में 200 मीटर ऊंची इमारतें बन चुकी हैं, लेकिन यदि इनमें आगजनी होती है है तो विभाग के पास आग बुझाने के लिए पर्याप्त मशीनरी नहीं है। अग्निशमन विभाग के पास महज 42 मीटर ऊंचाई वाला एक हाइड्रोलिक प्लेटफार्म है। इससे ज्यादा ऊंचाई वाली इमारत में अगर आग लग जाती है तो लोगों को रेस्क्यू करने के लिए डीएलएफ प्रबंधन का 100 मीटर ऊंचाई का हाइड्रोलिक प्लैटफार्म मंगवाना पड़ता है।

इसलिए नहीं करते आवेदन

● एनओसी के लिए जरूरी दस्तावेज पूरे नहीं

● फायर उपकरण या तो काफी पुराने हो चुके हैं या खराब

● 2016 में एक सीढ़ी पर फायर एनओसी मिलता था, अब इमारतों में दो सीढ़ी होने पर ही फायर एनओसी दिया जाता है

● एनओसी का समय पूरा होने के बाद आरडब्ल्यूए के पास इमारतों के कागज नहीं

अग्निशमन विभाग के उप निदेशक गुलशन कालरा ने बताया कि जिन सोसाइटी के बिल्डर ने फायर एनओसी नहीं लिया है, उनको नोटिस भेजे जा रहे हैं। तीन बार नोटिस जारी होने के बाद भी एनओसी नहीं लेने पर मकान सील किए जाएंगे।


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