हरियाणा

चीन की घुसपैठ का डर, श्रीलंका में बिगड़े हालात, भारतीय सैन्य अधिकारी चिंतित

Gulabi Jagat
10 July 2022 12:49 PM GMT
चीन की घुसपैठ का डर, श्रीलंका में बिगड़े हालात, भारतीय सैन्य अधिकारी चिंतित
x
हमारे पड़ोसी देश श्रीलंका बुरी तरह से अशांत है। लंका में जो हालात पैदा हुए हैं उन्हें लेकर सैन्य अधिकारी चिंतित हैं। श्रीलंका में शांति स्थापित करने के लिए शांति सेना में शामिल रहे रिटायर मेजर जनरल सुधीर जाखड़ कहते हैं कि पड़ोसी मुल्क की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई। यह लंका के साथ ही हमारे लिए भी शुभ संकेत नहीं। क्योंकि चीन ने पहले ही वहां नेवी के बेस तैयार कर लिया है। समुद्री सीमा में सीधे तौर से दखल रहेगा। चीन का दखल और घुसपैठ भी अधिक बढ़ेगी। इसके साथ ही अन्य कई दिक्कतें भी भारत के सामने लंका के हालातों से उत्पन्न होंगी।
हरियाणा के खिलाड़ी आनलाइन कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन।
कई युद्धों का नेतृत्व कर चुके रिटायर मेजर जनरल सुधीर जाखड़ का मानना है कि श्रीलंका के पड़ोस में तमिलनाडू है, इसलिए वहां शरणार्थियों की संख्या बढ़ेगी। इससे आतंरिक सुरक्षा को भी भविष्य में खतरा हो सकता है। लंका में सिंघली और तमिल समुदायों के बीच गृहयुद्ध होने के आसार हैं। इसकी लपटों से लंका से सटे हुए भारतीय राज्यों पर भी असर पड़ेगा। चीन के लिए लंका के हालात मुफीद हैं, क्योंकि नेपाल के बाद सीधे हस्तक्षेप वाला उनके लिए यह दूसरा देश होगा। भारतीय सीमाओं के निकट नेपाल-श्रीलंका होने के कारण चीन के लिए भारत तक पहुंचना मुश्किल नहीं होगा।
लिट्टे ने नियमों का उल्लंघन किया तो छिड़ गया था युद्ध
राजपूत रेजीडेंट में 1987 में जाखड़ कैप्टन थे। इन्हें भी श्रीलंका में शांति बहाली के लिए भेजा गया था। लिट्टे(लिबरेशन टाइगर्स आफ तमिल ईलम) ने कई मुल्कों की शांति में खलल डाला था। इसलिए सरकार ने वहां करीब एक लाख सैनिक भेजे थे। श्रीलंका की तत्कालीन सरकार, लिट्टे और भारत में शांति बहाली का समझौता हुआ था। मगर लिट्टे चुनाव में भी अपना आधिपत्य चाहता था। इसलिए सेना भेजी गई। लेकिन शांति सेना यानी भारतीय सैनिकों पर लिट्टे ने हमला बोला दिया।
भारतीय सेना की निगरानी में हुआ राष्ट्रपति चुनाव
जाफना के स्टेडियम में सेना ने एयरलिफ्ट करने की कोशिश की तो कुछ सैनिक शहीद भी हुए। इसके बाद लिट्टे को भारतीय सेना ने वहां रहकर सबक सिखाया। वहां भारतीय सेना की निगरानी में राष्ट्रपति चुनाव भी हुआ। बतौर कैप्टन इन्होंने चुनाव कराए। इसके साथ ही अक्टूबर 1987 से अगस्त 1989 तक श्रीलंका में रहे। उस दौरान लंका में पर्यटन आर्थिक आधार नहीं था, मछली पालन व दूसरे कारोबार थे।
Next Story