हरियाणा
'डिस्टेंस एजुकेशन के जरिये इंजीनियरिंग करने वाले पदोन्नति के पात्र नहीं'... हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
Gulabi Jagat
20 July 2022 4:23 PM GMT
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चंडीगढ़। Distance Education: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला किया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि दूूरस्थ माध्यम (डिस्टेंस एजुकेशन) से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने वाला कर्मचारी ऐसी डिग्री के आधार पर पदोन्नति के लिए पात्र नहीं होगा। हाई कोर्ट का विचार था कि जो व्यक्ति शारीरिक रूप से कक्षाओं में उपस्थित नहीं हुआ है और उसने अपने पाठ्यक्रम का व्यावहारिक प्रशिक्षण नहीं लिया है, उसे इंजीनियर नहीं कहा जा सकता है।
डिस्टेंस एजुकेशन से इंजीनियरिंग करने वाला नागरिकों के कीमती जीवन को डाल सकता है खतरे में
हाई कोर्ट के अनुसार, इंजीनियरों के कार्य महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि वे देश के बुनियादी ढांचे के निर्माण में शामिल हैं। ज्ञान की कमी के कारण किसी भी तरह की ढिलाई या अक्षमता न केवल नागरिकों के कीमती जीवन को खतरे में डालत सकती है, बल्कि सरकारी खजाने का भी भारी नुकसान होता है।
कोर्ट ने कहा कि यह स्वीकार करना मुश्किल है कि दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से इंजीनियरिंग की डिग्री नियमित ताैर पर ली गई डिग्री के बराबर होगी। इंजीनियरिंग के अध्ययन में, सैद्धांतिक अवधारणाओं को पढ़ाया जाता है, जिन्हें बाद में व्यावहारिक प्रशिक्षण के माध्यम से व्यवहार में लाया जाता है।
कहा, क्या कोई मरीज ऐसे डाक्टर से इलाज कराना चाहेगा, जिसने एमबीबीएस डिस्टेंस एजुकेशन से की
यदि हम दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्राप्त ऐसी डिग्रियों को स्वीकार करते हैं, तो वह दिन दूर नहीं, जब दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से एमबीबीएस पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। तब उसके विनाशकारी परिणाम होंगे। हाई कोर्ट ने कहा कि हम यह सोचकर डरते हैं कि क्या कोई मरीज ऐसे डाक्टर से इलाज कराना चाहेगा, जिसने दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है।
कर्मचारी की पदोन्नति की याचिका पर हाई कोर्ट ने दिया आदेश
जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल ने नरेश कुमार और पीडब्ल्यूडी विभाग हरियाणा के कर्मचारी की पदोन्नति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किए हैं। इस कर्मचारी को कार्यकारी अभियंता (एक्सईएन) के पद पर पदोन्नत किया गया था, जिसने जेआरएन राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय से दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से बीई की डिग्री प्राप्त की, जबकि याचिकाकर्ताओं ने देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों से डिग्री ली थी।
Gulabi Jagat
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