कैंसर के बढ़ते खतरे के बीच एक राहत भरी खबर है। कैंसर बनने से पहले बीमारी का पता लगाने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए पीजीआईडीएस (पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंस) में ओरल प्री कैंसर डिटेक्शन एंड मैनेजमेंट क्लीनिक शुरू की जा रही है। मुंह का कैंसर होने से पहले बीमारी का पता लगाने के लिए विशेष रूप से यह क्लीनिक तैयार किया जा रहा है। इस पर करीब दो करोड़ रुपये खर्च आएगा। सरकार को यह प्रस्ताव भेज दिया गया है। जल्दी ही इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसके बाद सरकार संस्थान को आधुनिक उपकरण व अन्य सुविधाएं मुहैया कराएगी।
कैंसर से निपटना आसान करेगी नई व्यवस्था
मुंह का कैंसर भी तेजी से बढ़ रहा है। धूम्रपान व तंबाकू सेवन इसकी बड़ी वजह हैं। पीजीआईडीएस के आंकड़ों पर नजर डालें तो हर माह यहां करीब 20 कैंसर पीड़ित इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। यही नहीं, 100 से ज्यादा मरीज मुंह में आने वाले बदलाव की शिकायत के साथ आ रहे हैं। ये आंकड़े मुंह के कैंसर की स्थिति को साफ दर्शा रहे हैं।
ऐसे मे सरकार ने कैंसर होने के बाद इलाज से बेहतर विकल्प पर जोर दिया है। इसी कड़ी में कैंसर होने से पहले ही बीमारी की पहचान संभव बनाकर इलाज देकर बचाव करने की योजना बनाई गई है। इससे समय रहते मुंह के बदलावों को समझ कर तुरंत जांच के जरिए बीमारी का पता लगाया जाएगा। इसके लिए कैंसर डिटेक्शन क्लीनिक में सरकार की ओर से अत्याधुनिक उपकरण मुहैया कराए जाएंगे। इनसे बेहतर जांच व रिपोर्ट प्राप्त की जा सकेंगी।
अधिकारी के अनुसार
पीजीआईडीएस में ओरल प्री कैंसर डिटेक्शन एंड मैनेजमेंट क्लीनिक शुरू करने के लिए सरकार ने प्रपोजल मांगा है। यह प्रपोजल भेज दिया गया है। प्रदेश में अपनी तरह के इस पहले डायग्नोस क्लीनिक पर करीब दो करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे कैंसर से निपटना आसान होगा। क्लीनिक में उपलब्ध्य उपकरणों के जरिए समय रहते बीमारी बनने से पहले उसकी पहचान संभव होगी।