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जानवरों के लिए बनाई कोरोना वैक्सीन, दुनिया का तीसरा देश बना भारत

Admin4
22 July 2022 5:41 PM GMT
जानवरों के लिए बनाई कोरोना वैक्सीन, दुनिया का तीसरा देश बना भारत
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हिसार: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र हिसार (एनआरसीई) हिसार के वैज्ञानिकों ने जानवरों में कोविड-19 के मामले को देखते हुए करोना काल के शुरुआत में ही जानवरों के लिए वैक्सीन बनानी शुरू कर दी थी. करीब 2 सालों की मेहनत के बाद वैज्ञानिकों ने जानवरों के लिए कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine for Animals) तैयार करने में सफलता हासिल कर ली है. इस वैक्सीन का नाम एंकोवैक्स रखा गया है. यह वैक्सीन देश के कई चिड़ियाघरों के जानवरों पर ट्रायल करके तैयार की गई है. वैक्सीन का ट्रायल बेहद सफल रहा है.

गुजरात के जूनागढ़ में स्थित सक्करबाग चिड़ियाघर में चीतों और शेरों को कोरोना की एंकोवेक्स वैक्सीन लगाई गई थी. जानवरों को एंकोवेक्स की पहली डोज लगाने के बाद 21 दिन बाद बूस्टर डोज दी गई. वैक्सीन के चक्र के 42 दिन बाद तक जिन जानवरों को वैक्सीन दी गई उनके खून की सैंपलिंग करके जांच की गई. जिसमें पाया गया कि जानवरों में बूस्टर डोज लगने के बाद इम्युनिटी मानक से भी अधिक बढ़ गई. इसके साथ ही डोज लगने के बाद अब यह जानवर कोविड 19 से पूरी तरह से सुरक्षित हैं.

राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र हिसार (National Equine Research Center Hisar) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर नवीन ने बताया कि जब कोविड सार्स 2 की पहली लहर आई थी तब ऐसी रिपोर्ट सामने आई कि यह वायरस शेर, कुत्ता, बिल्ली, लोमड़ी और हिरन आदि जानवरों को संक्रमित कर रहा है. उसी समय हमने यह सोचा था कि भारत में तो लोग जानवरों से काफी नजदीक रहते हैं तो ये इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है. उसी वक्त हमने इसके लिए रिसर्च शुरू कर दी थी.

डॉक्टर नवीन ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा वेरिएंट को लेकर हमने एक इन ऐक्टिव वैक्सीन बनाई जिसका नाम एंकोवैक्स रखा गया. नियमानुसार सबसे पहले हमने चूहे में और खरगोश में इसकी लैबोरेट्री टेस्टिंग की. अगले चरण में हमने सेना के कुत्तों में इसकी टेस्टिंग की. अंतिम चरण में हमने शकर बाग चिड़ियाघर में शेर और चीता पर टेस्ट किया. वैक्सीन टेस्टिंग के परिणाम बहुत सकारात्मक पाए गए. हमारी बनाई वैक्सीन काफी अच्छा असर दिखा रहा है. एंटीबाडी भी जानवरों में काफी अच्छी बनी है. एक जानवर काे दो डोज लगाई जाती है. एक वैक्सीन और दूसरी वैक्सीन की बूस्टर डोज है.

गौरतलब है कि रूस और अमेरिका के बाद अब भारत जानवरों के लिए कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine for Animals) बनाने वाला विश्व का तीसरा देश बन गया है. कई देश ऐसे हैं जहां पर शेर, चीते, तेंदुआ, बिल्ली, कुत्ते अधिक हैं. यहां पर कोविड के केस भी जानवरों में मिल चुके हैं. ऐसे ही देशों से अब अपने यहां जानवरों की कोविड बचाव की वैक्सीन के लिए वैश्विक स्तर पर भारी मांग है. जिसमें अफ्रीकन देश मुख्य रूप से शामिल हैं.

जानवरों के लिए बनाई गई करोनारोधी वैक्सीन ऐंकोवक्स चूहे, खरगोश, बिल्ली, कुत्ता, हिरण, लोमड़ी, शेर, चीते आदि के लिए सुरक्षित है. वैज्ञानिकों ने बताया कि बड़े घरेलू पालतू पशु जैसे गाय, भैंस, भेंड़, बकरी आदि में कोविड-19 का संक्रमण अभी तक नहीं देखा गया है. इसलिए इस एंकोवैक्स वैक्सीन की जरूरत इन जानवरों को नहीं है. एंकोवैक्स जानवरों में कोरोना के डेल्टा और ओमीक्रोन दोनों वैरिएंट से लड़ने के लिए एंटीबॉडी तैयार करती है. एंकोवैक्स से बनी प्रतिरक्षा कोरोना के डेल्टा और ओमीक्रोन दोनों वैरिएंट को बेअसर कर देती है.

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