हरियाणा

चार गोल रोक देश को दिलवाया ब्रांज मेडल, हाकी टीम की दीवार बनीं रही सविता पूनिया

Gulabi Jagat
7 Aug 2022 4:00 PM GMT
चार गोल रोक देश को दिलवाया ब्रांज मेडल, हाकी टीम की दीवार बनीं रही सविता पूनिया
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सिरसा : टोक्‍यो ओलिंपिक में पदक न जीत पाने की कसक इंडियन महिला हाकी टीम ने पूरी कर दी है। इंग्‍लैंड में जारी कामनवेल्थ गेम्स में भारतीय महिला हाकी टीम ने न्यूजीलैंड को हरा कर ब्रांज मेडल पर कब्जा किया। न्यूजीलैंड के साथ हुए रोमांचक मैच में टीम इंडिया की कप्तान व गोल कीपर सविता पूनिया ने जीत में निर्णायक भूमिका निभाई। एक एक गोल से मैच बराबरी पर रहने के बाद हार जीत का फैसला शूट आउट से हुआ।
जिसमें सविता पूनिया ने द बाल (दीवार) की अपनी उपाधि को सार्थक किया और न्यूजीलैंड टीम की खिलाड़ियों द्वारा मारे गए चार शाट्स को रोककर भारतीय टीम की जीत सुनिश्चित की। टीम ने 16 साल बाद कामनवेल्थ गेम्स में पदक जीत कर इतिहास रचा है। भारत ने आखिरी बार 2006 कामन वेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीता था।
परिवार ने एक साथ देखा मैच
महिला हाकी टीम की कप्तान सविता पूृनिया सिरसा जिले के गांव जोधकां की रहने वाली है। रविवार दोपहर को कांस्य पदक के लिए न्यूजीलैंड व भारत के बीच खेले गए मैच काे सविता पूनिया के परिवार ने एक साथ बैठकर देखा। सविता पूनिया के पिता महेंद्र पूनिया, भाई भविष्य, मां लीलावती, दादी, भाभी व परिवार के सदस्यों ने एक साथ मैच देखा। अंतिम क्षणों तक मैच में करो या मरो वाली स्थिति रही। पिता महेंद्र पूनिया ने मैच के दौरान अपना मोबाइल स्विच आफ कर दिया ताकि वह मैच को ध्यान पूर्वक देख सके। टीम इंडिया की जीत के बाद परिवार के सदस्यों ने एक दूसरे को बधाई दी।
पिता बोले, बेटियों की इस जीत पर नाज
सविता पूनिया के पिता महेंद्र पूनिया ने कहा कि टीम इंडिया की इस जीत में पूरी टीम ने शानदार प्रदर्शन किया और यह जीत बेटियों के नाम है। सविता पूनिया ने अपनी कप्तान की भूमिका को बखूबी निभाया। न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों द्वारा शूट आउट में किए गए गोल बचाकर भारतीय टीम की जीत को आसान बनाया। उन्होंने कहा कि मैच लाजबाव था, और पूरे परिवार ने हर क्षण का लुत्फ उठाया।
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