चुनाव आयोग ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। हिमाचल में 12 नवंबर को मतदान और 8 दिसंबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। इस बीच अटकलें लगाई जा रही थीं कि चुनाव आयोग हिमाचल और गुजरात दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान एक साथ कर सकता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चुनाव आयोग ने इसके पीछे 2017 की तारीखों का तर्क दिया। अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या चुनाव आयोग नवंबर में ही गुजरात में चुनाव करा सकता है या फिर दिसंबर में चुनाव कराए जा सकते हैं?
दरअसल, हिमाचल में 17 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होगी। चुनाव की अधिसूचना जारी होने से लेकर चुनाव के रिजल्ट तक करीब 50 दिनों का समय है। इस बीच चुनाव आयोग गुजरात के विधानसभा चुनाव का भी ऐलान कर सकता है। सूत्रों की मानें तो गुजरात के विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान दिवाली से पहले किया जा सकता है। 8 दिसंबर से पहले चुनाव संपन्न कराए जा सकते हैं।
वर्ष 2017 में आयोग ने 12 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश में और 25 अक्टूबर को गुजरात में विधानसभा चुनाव का ऐलान किया था। दोनों राज्यों में मतों कि गिनती 18 दिसंबर को हुई थी। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही गुजरात चुनाव की तारीखों का भी ऐलान किया जा सकता है। दरअसल, हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभाओं के कार्यकाल के समाप्त होने में 40 दिनों का अंतर है। गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 18 फरवरी को समाप्त हो रहा है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल आठ जनवरी को समाप्त होगा।
2017 में दोनों राज्यों में भाजपा ने जीता चुनाव
2017 में हुए विधानसभा चुनाव में हिमाचल और गुजरात दोनों राज्यों में बहुमत के दम पर सरकार बनाई थी। हिमाचल की 68 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 45 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस को 21 सीटें मिली थी। एक सीट सीपीआईएम के खाते में गई और 2 निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे। बताते चलें कि 2012 से 2017 तक हिमाचल में कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी। उधर, गुजरात में भाजपा ने अपने दम पर जीत दर्ज कर सत्ता को बनाए रखा। हालांकि, इस बार भाजपा को सीटों का नुकसान हुआ लेकिन सरकार बनाने में सफल रही। 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा भाजपा ने 99 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा को तब 49 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं, कांग्रेस 41 प्रतिशत वोट के साथ 77 सीट जीतने में सफल हुई थी।
कांग्रेस ने साधा ईसी पर निशाना
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा इसलिए नहीं की गई ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को और बड़े-बड़े वादे करने तथा उद्घाटन करने का समय मिल जाए। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ''निश्चित तौर पर यह इसलिए किया गया ताकि प्रधानमंत्री को और बड़े-बड़े वादे करने तथा उद्घाटन करने का समय मिल जाए।