हरियाणा

अनिल विज के आदेश के बाद पुलिस थानों में दलाली करने वाले लोगों की लिस्ट हुई जारी

Shantanu Roy
11 Dec 2022 6:57 PM GMT
अनिल विज के आदेश के बाद पुलिस थानों में दलाली करने वाले लोगों की लिस्ट हुई जारी
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बड़ी खबर
चंडीगढ़। प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज के आदेशों के बाद एकाएक सकते में आए पुलिस अधिकारियों द्वारा बेशक प्रदेश के हर जिले के थाना-चौकियों में रोजाना घूमने-फिरने, दलाली करने वाले या पुलिस के नाम पर सुविधा शुल्क लेकर अपनी जेबें भरने वाले लोगों की लिस्ट जारी कर दी गई। बेशक पुलिस अधिकारी इस प्रकार की कार्यप्रणाली पर अमलीजामा पहनाकर सराहना बटोर रहे हो, लेकिन क्या केवल लिस्ट मात्र जारी करने से पुलिस की कार्यशैली में सुधार मुमकिन है ? क्या मात्र लिस्ट जारी करने से पीड़ितों को इंसाफ मिलना तय होगा ? क्या मात्र लिस्ट जारी करने से आम आदमी बेधड़क अपनी समस्या को लेकर थाने चौकियों में सेवा- सुरक्षा और सहयोग की उम्मीद कर पाएगा ? क्या मात्र लिस्ट जारी करने से या केवल इन दलालों का थाने चौकियों में घुसना बैन करने से आगे और दलाल नहीं पैदा होंगे ? या फिर क्या जिले में मात्र इतने ही दलाल सक्रिय हैं, जिनकी सूची जारी हुई है ? यह सब सवाल अवश्य विचारनीय योग्य हैं।
क्योंकि असल में इस समस्या की जड़ समाज में फैले हुए अपने आपको समाजसेवी बताने वाले यह दलाल नहीं, बल्कि समस्या की असली जड़ पुलिस विभाग की हर शाखा पर बैठे वह उल्लू है जो गुलिस्ता को उजाड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे। यानि पुलिस विभाग एक ऐसा अड्डा बना हुआ है या यह कहें कि "बस एक ही उल्लू काफी है, बर्बाद गुलिस्तां करने को- हर शाख पर उल्लू बैठा है। अंजाम ए गुलिस्तां क्या होगा" इसी प्रकार की हालत पुलिस विभाग में बनी हुई है। यह बात केवल हम नहीं कह रहे बल्कि सारे समाज में यह उजागर है। थाने चौकियों में किस प्रकार से पीड़ित पक्ष को ही धमकाया-डराया जाता है, किस प्रकार से आरोपियों -अपराधियों से मोटे लेन देन कर कानूनी प्रक्रिया को प्रभावित किया जाता है। ऐसे बहुत से मामले प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज के दरबार में भी पहुंचते रहे हैं। जिस पर गृहमंत्री द्वारा तुरंत प्रभाव से थाना चौकी प्रभारियों पर सख्त कार्रवाई के आदेश जारी करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल देखे गए हैं। पुलिस बारे समाज में एक बात प्रचलित है कि हरियाणा पुलिस "रस्सी का सांप और सांप की रस्सी" बनाने में कोई देर नहीं लगाती। इस प्रकार की अगर कार्यशैली पुलिस की है और इस प्रकार की सोच समाज की पुलिस के बारे है तो फिर कैसे मात्र कुछ दलालों की लिस्ट जारी करने से इंसाफ की उम्मीद की जा सकती है।
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