हरियाणा

PGT रिक्रूटमेंट रद्द होने पर परेशानी झेल रहे 30 हजार अभ्यर्थी, प्रदेश सरकार से लगाई गुहार

Shantanu Roy
11 Dec 2022 6:56 PM GMT
PGT रिक्रूटमेंट रद्द होने पर परेशानी झेल रहे 30 हजार अभ्यर्थी, प्रदेश सरकार से लगाई गुहार
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बड़ी खबर
चंडीगढ़। पीजीटी रिक्रूटमेंट 13/2019 रद्द करने के बाद हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा विज्ञापित 31, 32/2022 को लेकर परेशानी झेल रहे 30,000 कैंडिडेट के प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश सरकार से इस समस्या का निदान करने की अपील की है। इनके द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 2019 में हरियाणा सरकार ने अपने सचिव द्वारा 1 पब्लिक नोटिस जारी किया था, जिसमें पीजीटी रिक्रूटमेंट में चयन होने का मापदंड 90 अंक की लिखित परीक्षा और 10 अंक सामाजिक -आर्थिक ज्ञान के आधार पर चयन होने की बात जारी की गई थी। वहीं शिक्षा विभाग द्वारा 2019 में पीजीटी रिक्रूटमेंट के संबंधित भर्ती हेतु एचएसएससी को मांग पत्र भेजा था, जिसमें लगभग 4600 पद की जानकारी थी। लेकिन विज्ञापन संख्या 13/2019 पीजीटी रिक्रूटमेंट जारी कर दिया गया। वर्ष 2019 में हरियाणा सरकार ने एचटेट वैलिडिटी पीरियड 5 वर्ष से बढ़ाकर 7 साल कर दी। जिससे 2012 तक के एचटेट पास करने वालों को भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का मौका दिया गया था।
लेकिन हरियाणा सरकार ने भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की और जिसका डर था वही हुआ। 2024 में हरियाणा सरकार ने साक्षात्कार को पीजीटी रिक्रूटमेंट में दोबारा लागू कर दिया। भर्ती रद्द करके हरियाणा लोक सेवा आयोग को दे दिया गया। उन्होंने बताया कि पीजीटी रिक्रूटमेंट कैंडिडेट इस फैसले को लेकर बेहद मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं। सरकार - हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन तथा हरियाणा लोक सेवा आयोग आपसी तालमेल करके जिन कैंडिडेट्स ने 13/2019 में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में आवेदन किया था, उन्हें आयु- फीस और योग्यता की छूट दिए जाने की उन्होंने मांग की है। उन्होंने बताया कि इनके अनुसार हरियाणा सरकार साक्षात्कार को दोबारा लागू कर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की धज्जियां उड़ा रही है। मोदी का विजन साक्षात्कार को तोड़ना था। लेकिन हरियाणा सरकार साक्षात्कार को बढ़ावा दे रही है। बहुत से आवेदक 4 वर्ष तक भर्ती का इंतजार कर रहे थे, लेकिन यह भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। 2019 में आवेदन करने वाले अधिकतर कैंडिडेट की आयु 2019 में 39 से 42 के बीच थी। जिसमें कैंडिडेट्स की कोई गलती नहीं मानी जा सकती। इसलिए इन समस्याओं के समाधान के लिए हरियाणा सरकार को ध्यान देना चाहिए।
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