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गुजरात चुनाव का रण काफी रोचक होता जा रहा है। आम आदमी पार्टी के सूरत (पूर्व) से उम्मीदवार कंचन जरीवाला ने बुधवार को अपना नामांकन वापस ले लिया है। उन्होंने अपना बयान भी जारी किया कि उन्होंने किसी के दवाब में नहीं बल्कि स्वेच्छा से अपना नामांकन वापस लिया था। इससे पहले आप ने भाजपा पर जरीवाला को अगवा करने और जबरन नामांकन वापसी का दबाव बनाने का आरोप लगाया था।
वहीं, जरीवाला ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरे साथ कुछ फैमिली मैटर हो गया था। इसलिए ही मैंने अपना नामांकन वापस लिया। भाजपा ने मेरे ऊपर कोई दबाव नहीं डाला और न ही मैंने किसी के दबाव में अपना नामांकन वापस लिया। मैं आम आदमी पार्टी में हूं या नहीं इस पर मैं जल्द ही स्टैंड क्लियर करुंगा।
उन्होंने आगे कहा कि मेरे प्रचार के दौरान लोग मुझसे पूछते थे कि मैं एक देश-विरोधी और गुजरात विरोधी पार्टी का उम्मीदवार क्यों बना? इसके बाद मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और मैंने बिना किसी दबाव के अपना नामांकन वापस ले लिया। मैं ऐसी पार्टी का समर्थन नहीं कर सकता जो गुजरात और देश विरोधी हो।
इससे पहले आप नेता मनीष सिसोदिया ने चुनाव आयोग कार्यालय के आगे धरने पर बैठते हुए आरोप लगाया था कि भाजपा ने सूरत(पूर्व) से हमारे उम्मीदवार कंचन जरीवाला को अगवा कर लिया गया था। सिसोदिया ने कहा था कि उन्हें आखिरी बार कल आरओ ऑफिस में देखा गया था। सिसोदिया ने कहा, 500 से ज्यादा पुलिस वाले जबरन कंचन जरीवाला को रिटर्निंग ऑफिसर के दफ्तर लेकर पहुंचे और बंदूक की नोक पर उनका नामांकन वापस कराया। सिसोदिया ने कहा, जो कुछ हो रहा है वह चुनाव आयोग पर सवाल खड़े करता है। उन्होंने कहा, मैंने चुनाव आयुक्त से मिलने का समय मांगा है।
वहीं, इन शिकायतों के बाद चुनाव आयोग ने मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में आप के 4 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। वहीं, मामले में कार्रवाई के लिए गुजरात के मुख्य चुनाव आयुक्त को पूछताछ करने और वारंट के रूप में कार्रवाई करने के लिए भेजा गया है।
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