गुजरात के पूर्व मंत्री और मेहसाणा जिला सहकारी उत्पादक संघ लिमिटेड (दूधसागर डेयरी) के पूर्व अध्यक्ष विपुल चौधरी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने गुरुवार को उनके गांधीनगर स्थित आवास से हिरासत में लिया है। आरोप हैं कि उन्होंने दूधसागर डेयरी के साथ कारोबार करने वाली एक एजेंसी के नाम पर लगभग 500 करोड़ रुपए का गलत तरीके से लेनदेन किया।
आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज
एसीबी ने एक बयान में कहा गया है कि बीते मई महीने में विपुल चौधरी और उनके निजी सचिव के खिलाफ एसीबी मेहसाणा शाखा के साथ डेयरी के पैसे की हेराफेरी करने की शिकायत दर्ज की गई थी। जांच पर आरोप सही साबित हुए हैं। इसलिए उनके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और साजिश के लिए आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इससे पहले 2020 में किया गया था अरेस्ट
इससे पहले चौधरी को क्राइम ब्रांच ने 14.8 करोड़ रुपए का गबन करने के आरोप में 2020 में गिरफ्तार किया था। इन पैसों का इस्तेमाल दूधसागर डेयरी के कर्मियों को बोनस देने के लिए किया जाना था। लेकिन, चौधरी ने पशु चारा खरीद में इन रुपयों के खर्च होने का हवाला दिया था। इसके बाद उन्हें दूधसागर डेयरी से बर्खास्त कर दिया गया था।
बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है
चौधरी गुजरात में सहकारिता क्षेत्र के एक जाने माने चेहरे हैं। उत्तर गुजरात में कम से कम एक दर्जन विधानसभा सीटों पर उनका प्रभाव है। इससे पहले वे 1996 में शंकर सिंह वाघेला सरकार में गृह मंत्री रह चुके हैं। पिछले कुछ समय से विपुल चौधरी उत्तर गुजरात में चौधरी समाज को संगठित कर रहे थे। हाल ही में उन्होंने भाजपा से टिकट मिलने पर विधानसभा चुनाव लड़ने की भी इच्छा जताई थी।