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अहमदाबाद: खिलाड़ियों की कामयाबी का देश के विकास से सीधा संबंध बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को 36वें राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन करते हुए कहा कि पिछले आठ साल में खेलों से भ्रष्टाचार और परिवारवाद को मिटाकर युवाओं में उनके सपनों को लेकर भरोसा जगाया गया है. खेलों को देश के युवाओं की ऊर्जा का स्रोत बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि खिलाड़ियों की जीत और उनका दमदार प्रदर्शन अन्य क्षेत्रों में भी देश की जीत का रास्ता बनाती है.
उन्होंने कहा कि खेल की दुनिया में यह सामर्थ्य दिखाने की क्षमता देश में पहले भी थी और ये विजय अभियान पहले भी शुरू हो सकता था लेकिन खेलों में पेशेवरपन की जगह परिवारवाद और भ्रष्टाचार ने ले रखी थी. हमने व्यवस्था की सफाई भी की और युवाओं में उनके सपनों को लेकर भरोसा भी जगाया. गुजरात के विभिन्न शहरों में 30 सितंबर से 12 अक्टूबर तक चलने वाले राष्ट्रीय खेलों का नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर भव्य रंगारंग कार्यक्रम में उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि ये दृश्य, ये तस्वीर ,ये माहौल शब्दों से परे है .विश्व का सबसे बड़ा स्टेडियम , विश्व का इतना युवा देश और देश का सबसे बड़ा खेल उत्सव , जब आयोजन इतना अद्वितीय हो तो उसकी ऊर्जा ऐसी ही असाधारण होगी. उन्होंने कहा कि देश के 36 राज्यों से 7000 से ज्यादा एथलीट और 15000 से ज्यादा प्रतिभागी , 35000 से ज्यादा कॉलेज, विश्वविद्यालय और विद्यालयों की सहभागिता और 50 लाख से ज्यादा छात्रों का राष्ट्रीय खेलों से सीधा जुड़ाव अभूतपूर्व है. राष्ट्रीय खेलों का यह मंच आप सभी के लिये एक नये लांचिंग पैड का काम करेगा.
उन्होंने कहा कि किसी भी देश की प्रगति उसके सम्मान का खेलों में उसकी सफलता से सीधा संबंध होता है. राष्ट्र को नेतृत्व देश का युवा देता है और खेल उस युवा की ऊर्जा का, उसके जीवन निर्माण का प्रमुख स्रोत है. दुनिया में जो देश विकास और अर्थव्यवस्था में शीर्ष पर हैं, उनमें से ज्यादातर खेलों की पदक तालिका में भी शीर्ष पर होते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि खेल के मैदान में खिलाड़ियों की जीत, उनका दमदार प्रदर्शन अन्य क्षेत्रों में देश की जीत का भी रास्ता बनाता है. खेलों की साफ्ट पावर देश की छवि को कई गुना ज्यादा बेहतर बना देती है.
उन्होंने कहा कि आजादी के अमृतकाल में देश ने इसी हौसले के साथ नये भारत के निर्माण की शुरूआत की है. एक समय हमारे यहां खेल बरसों तक सिर्फ सामान्य ज्ञान के विषय तक समेट दिये गए थे लेकिन अब मिजाज बदला है, मूड नया है और माहौल नया है. उन्होंने कहा कि 2014 से फर्स्ट और बेस्ट का जो सिलसिला शुरू हुआ है , युवाओं ने वह जलवा खेलों में भी कायम रखा है . आठ साल पहले तक भारत के खिलाड़ी सौ से भी कम अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग लेते थे लेकिन अब 300 से भी ज्यादा में भाग ले रहे हैं . भारत के पदकों की संख्या भी बढ रही है और दमक भी.
न्यूज़ क्रेडिट: firstindianews
Admin4
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