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सूरत के पांडेसरा इलाके में रहने वाले मजदूर परिवार की 17 वर्षीय किशोरी ने 31 दिसंबर की रात घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसके कमरे से 40 पन्ने मिले जिनमें वेलकम-2023, बाय-बाय-2022 लिखा था। पुलिस इस बात की संभावना तलाश रही है कि कहीं उसने प्रेम प्रसंग के चलते आत्महत्या तो नहीं की है।
संध्यारानी परिवार में सबसे बड़ी बेटी थी
सिविल अस्पताल व पांडेसरा थाने से मिली जानकारी के अनुसार उड़ीसा की रहने वाली संध्यारानी उर्फ दिव्या रामकृष्ण जैना (उम्र 17 वर्ष) वर्षों से सूरत में रह रही है। परिवार में एक मां, एक बहन और एक भाई है। इनमें संध्यारानी सबसे बड़ी थी। 31 दिसंबर की रात संध्यारानी ने घर में पंखे से दुपट्टा बांधकर आत्महत्या कर ली। उसकी मां वेसू के कॉलेज में सफाईकर्मी का काम करती है। काम से घर आने पर दरवाजा बंद था। पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा गया तो संध्यारानी को फंदे पर लटकी हालत में देखा। पुलिस को सूचना देने के बाद हेड कांस्टेबल संदीप पांडिया कर्मचारियों सहित स्थल पर पहुंचे।
पिता के निधन के बाद घर की जिम्मेदारी थी
संध्यारानी घर पर दर्जी का काम करती थी। उसने आत्महत्या क्यों की यह कोई नहीं जानता, लेकिन जब पुलिस ने उसके कमरे की तलाशी ली तो कमरे में 40 पन्ने मिले। हर पन्ने पर वेलकम 2023, बाय बाय 2022 लिखा था। इसलिए पुलिस को शक है कि प्यार में नाकामी के कारण उसने आत्महत्या की होगी। पुलिस ने आत्महत्या के सही कारणों का पता लगाने के लिए जांच पड़ताल की है। उल्लेखनीय है कि संध्यारानी के पिता का 10 माह पहले निधन हो गया था। पिता की मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी उनकी मां और उन पर आ गई।
Gulabi Jagat
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