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चक्रवात बिपरजॉय के बाद समुद्रों में तबाही के मंजर उभर आए हैं। जिससे द्वारका मंदिर को एक दिन के लिए बंद करने का निर्णय लिया गया है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के जान माल को नुकसान न हो, इसे ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। गौरतलब है कि हाल ही में यह जानकारी सामने आई है कि द्वारका के जगत मंदिर पर लगे ध्वज को क्षतिग्रस्त हो गया है।
शिखर पर फहराता ध्वज क्षतिग्रस्त है। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के खतरे को लेकर इस समय बेहद तेज हवाएं चल रही हैं। उस समय तेज हवा और बारिश के कारण मंदिर के शिखर पर झंडा नहीं चढ़ा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार ध्वजा खंडित होना बड़ा संकेत हो सकता है।
अरब सागर में बना चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' अब बेहद प्रचंड होता जा रहा है। तब ऐसी विकट परिस्थिति में लोगों को विश्वास है कि विश्व के नाथ कलियो ठाकर इस संकट से बचाएंगे। जब-जब गुजरात पर कोई प्राकृतिक आपदा आती है, तब-तब जगत मंदिर पर दो झंडे चढ़ाये जाते हैं। गत रोज तूफान से बचने के लिए जगत मंदिर के शिखर पर दो झंडे चढ़ाये गए थे। द्वारिकाधीश मंदिर पर सुरक्षा के कारण पुराने ध्वजा के नीचे एक और ध्वजा रखा जाता है।
दूसरी की ओर, सोमनाथ के लिए रेलवे और बस सेवाएं हाल ही में चक्रवात बिपरजोय के कारण बंद कर दी गई हैं। सोमनाथ ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं से इस दौरान सोमनाथ दर्शन (सोमनाथ मंदिर) नहीं आने की अपील की है ताकि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को तूफान से परेशानी न हो। चक्रवात बिपरजॉय के मद्देनजर समुद्रपथ प्रोमेनेड (वॉक-वे) को बंद कर दिया गया है। साथ ही सोमनाथ के इतिहास को बताने वाले लाइट एंड साउंड शो को भी बंद कर दिया गया है।
देवभूमि द्वारिका में तूफान के कारण मंदिर में घुसा समुद्र का पानी
अरब सागर में बने दबाव के कारण चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के गुजरात से टकराने का खतरा है। चक्रवात के प्रभाव से सौराष्ट्र में भारी बारिश हुई है।देवभूमि द्वारिका में तूफान के कारण मंदिर में समुद्र का पानी घुस गया है। द्वारका के गोमती घाट स्थित श्रीकृष्ण मंदिर में समुद्र का पानी घुस गया है।
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