गुजरात

मोरबी ब्रिज हादसे के बाद घटनास्थल पर पहुंचे सीएम भूपेंद्र पटेल

Shantanu Roy
30 Oct 2022 6:15 PM GMT
मोरबी ब्रिज हादसे के बाद घटनास्थल पर पहुंचे सीएम भूपेंद्र पटेल
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न्यूज़  क्रेडिट: आज तक
बड़ी खबर
नई दिल्ली। गुजरात के मोरबी में रविवार शाम बड़ा हादसा हो गया. यहां मच्छु नदी में बना केबल ब्रिज अचानक टूट जाने से कई लोग नदी में गिर गए. मौके पर मौजूद गुजरात के पंचायत मंत्री बृजेश मेरजा के मुताबिक हादसे में करीब 77 लोगों की मौत हो चुकी है और 70 लोग घायल बताए जा रहे हैं. जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बचे हुए लोगों को नदी से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
ब्रिज रिनोवेशन के बाद हाल ही में चालू किया गया था. बताया जा रहा है कि हादसे के समय पुल पर बड़ी तादाद में भीड़ मौजूद थी. रेस्क्यू ऑपरेशन में स्थानीय लोग भी पुलिस और प्रशासन की मदद कर रहे हैं. NDRF की 2 टीम मोरबी के लिए रवाना हो गई हैं. हादसे की भयावहता को देखते हुए भारतीय वायु सेना (IAF) के गरुड़ कमांडो की टीम को रवाना कर दिया गया है. कई लोगों के डूबने की आशंका जताई जा रही है.
> गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल घटनास्थल पर पहुंचे.
> IAF की गरुड़ कमांडो टीम को रवाना किया गया.
> मोरबी कलेक्टर ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया.
> गुजरात सरकार ने किया SIT का गठन.
> गुजरात के मंत्री बृजेश मेरजा मौके पर पहुंचे.
> सीएम भूपेंद्र पटेल मोरबी के लिए रवाना हुए.
10 नावें, आर्मी की प्लाटून तैनात
NDRF की दो टीमें पहुंच गई हैं. इनमें एक गांधीनगर और एक वडोदरा की है. SDRF की तीन प्लाटून राजकोट से पहुंची हैं. SRP की एक प्लाटून जामनगर से आई है. आर्मी की दो प्लाटून हैं. एक सुरेंद्र नगर और एक कच्छ से हैं. राजकोट नगर निगम की 10 नावें और फायर ब्रिगेड की टीमें भी पहुंची हैं.
हेल्पलाइन नंबर जारी
गुजरात सरकार ने हादसे की जांच के लिए 5 लोगों की SIT का गठन कर दिया है, जिसमें म्युनिसिपल कारपोरेशन के एक IAS अधिकारी, एक क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर और 3 अन्य आधिकारी शामिल रहेंगे. इसके अलावा CID की एक टीम भी इसकी जांच करेगी. हादसे के बाद जिसके परिवार के सदस्य फंसे या लापता हैं. उनकी जानकारी के लिए जिला कलेक्टर कार्यालय के आपदा नियंत्रण कक्ष ने हेल्पलाइन नंबर 02822 243300 जारी किया है.
5 दिन पहले ही हुआ शुरू
केबल ब्रिज काफी पुराना बताया जा रहा है. राजा-महाराजाओं के समय का यह पुल ऋषिकेश के राम-झूला और लक्ष्मण झूला पुल कि तरह झूलता हुआ सा नजर आता था, इसलिए इसे झूलता पुल भी कहते थे. इसे गुजराती नव वर्ष पर महज 5 दिन पहले ही रिनोवेशन के बाद चालू किया गया था. रिनोवेशन के बाद भी इतना बड़ा हादसा होने पर अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. बताया जा रहा है कि फिटनेस सर्टिफिकेट लिए बिना ही ब्रिज को शुरू कर दिया गया था. ब्रिज पर घूमने आए लोगों को 17 रुपए का टिकट खरीदना होता था. वहीं, बच्चों के लिए 12 रुपए का टिकट अनिवार्य था.
सेल्फी लेने में व्यस्त थे लोग
पिछले 7 महीने से इस पुल की मरम्मत चल रही थी. रिनोवेशन का काम एक ट्रस्ट के जरिए किया गया. इतने समय बाद पुल खुलने के कारण रविवार को बड़ी तादाद में लोग अपने परिवारों के साथ पुल पर तस्वीरें और सेल्फी लेने के लिए पहुंचे थे. ब्रिज की लंबाई 200 मीटर से ज्यादा थी. चौड़ाई करीब 3 से 4 फीट थी.

टूटे हुए ब्रिज में लटके रहे कई लोग
हादसे के बाद केबल ब्रिज की कई तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें नजर आ रहा है कि ब्रिज बीच से टूटकर नदी में समा गया है. ब्रिज टूटने के बाद कई लोग बीच में लटक गए, जो टूटे हुए ब्रिज को पकड़कर किसी तरह बचने की कोशिश करते दिखे.
मृतकों को 6 लाख, घायलों को 1 लाख मुआवजा
गुजरात सरकार ने मृतकों के परिवार को 4 लाख और घायलों के परिवार को 50 हजार रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है. वहीं, पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से हादसे में जान गंवाने वालों के परिवार को 2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए मुआवजा दिए जाने का ऐलान किया है.
70 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि सीएम भूपेंद्र पटेल मोरबी पहुंचने वाले हैं. उन्होंने कहा, 'मैं इस मामले पर राजनीति नहीं करने की अपील करूंगा. गुजरात के सीएम तुरंत वडोदरा से रवाना हुए हैं. 70 से ज्यादा लोगों को बचा लिया गया है. उन्हें अस्पताल ले जाया गया है. अधिकांश लोग खतरे से बाहर हैं.'
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