गुजरात के राजकोट एयरपोर्ट पर रविवार को एक अजीबोगरीब घटना सामने आई, जब पायलट की जिद्द की वजह से एयर इण्डिया (Air India) की फ्लाइट उड़ान नहीं भर सकी। फ्लाइट को रविवार रात 8 बजे दिल्ली के लिए उड़ान भरना था, लेकिन फ्लाइट के मुख्य पायलट ने फ्लाइट उड़ाने से इंकार कर दिया। इसके बाद तीन सांसदों समेत 100 यात्रियों को कठिनाई का सामना करना पड़ा और एयर इण्डिया प्रबंधन कुछ नहीं कर पाया।
आमतौर पर बस हो या लोकल ट्रैवल्स, उनके पास यह तय करने का प्रबंधन होता है कि ड्राइवर कब अपना काम समाप्त करेगा और क्षेत्रीय स्तर पर उसके रिलीवर के रूप में कौन होगा। लेकिन, रविवार को राजकोट एयरपोर्ट पर फ्लाइट के मुख्य पायलट ने अपनी शिफ्ट समाप्त होने की बात कहकर विमान को उड़ाने से इंकार कर दिया।
तीन सांसदों समेत 100 यात्री हुए परेशान
फ्लाइट रात 8 बजे उड़ान भरने वाली थी तो उसमें करीब 100 यात्री सवार थे। एयर इण्डिया (Air India) की इस फ्लाइट में राजकोट के सांसद मोहनभाई कुंडारिया, जामनगर से पूनम बेन माडम और राज्यसभा सांसद उम्मीदवार केसरी देव सिंह समेत तीन सांसद भी दिल्ली जा रहे थे। लेकिन, पायलट की शिफ्ट समाप्त करने की जिद के आगे प्रबंधन और सांसदों की कोशिशें भी असफल हो गईं। पायलट अपने निर्णय से टस से मस नहीं हुआ और और अपनी जिद पर अड़ा रहा।
फिर ऐसे दिल्ली पहुंचे सांसद
पायलट की विमान ना उड़ाने की जिद्द के बाद जामनगर सांसद पूनम बेन माडम ने जामनगर हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए उड़ान भरी, जबकि राज्यसभा उम्मीदवार केशरी देव सिंह ने अहमदाबाद से दिल्ली के लिए फ्लाइट पकड़ी। वहीं, राजकोट के सांसद मोहनभाई कुंडारिया ने दिल्ली के लिए अपनी उड़ान रद्द कर दी। इसके अतिरिक्त अन्य यात्रियों को भी कठिनाई का सामना करना पड़ा।
बड़ा प्रश्न आया सामने
पायलट द्वारा विमान उड़ाने से इंकार करने पर बड़ा प्रश्न सामने आया है कि क्या एयर इण्डिया प्रबंधन को यात्रियों की कठिनाई को लेकर कोई चिंता है। इसके साथ ही सबसे अहम प्रश्न ये है कि क्या एयर इण्डिया प्रबंधन को इस बात का अहसास ही नहीं हुआ कि चीफ पायलट की शिफ्ट समाप्त हो गई है? ये घटना अब राजकोट समेत पूरे सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।