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सूरत के पंडित दिन दयाल उपाध्याय इन्डोर स्टेडियम में दो दिवसिय अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का आयोजन कल से होने जा रहा है। इस सम्मेलन का उद्घाटन केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अमित शाह के हाथो किया जायेगा। इस कार्यक्रम के संदर्भ में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने कहा कि हर साल 14 सितंबर को राजभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
अमित शाह की उपस्थिति में 14 और 15 को सूरत में अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन
इस वर्ष यह कार्यक्रम सूरत में आयोजित किया गया है। इसका उद्घाटन केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह करेंगे। कार्यक्रम में दो अलग-अलग सत्र होंगे। इस सत्र के दौरान हिंदी भाषा को लेकर विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी। आझादी के बाद जब हिंदी भाषा के लिए संविधान का मसौदा तैयार किया जाने लगा, तो गांधीजी ने जोर देकर कहा कि हिंदी भाषा को प्राथमिकता देते हुए सभी सरकारी काम हिंदी में किए जाने चाहिए लेकिन कांग्रेस ने शुरू से ही अंग्रेजी का समर्थन किया।
आज हम अपनी भाषा के लिए संघर्ष कर रहे हैं
14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा के रूप में रखने का निर्णय लिया गया। तुरंत प्रधानमंत्री नेहरू ने घोषणा की कि हिंदी के साथ अंग्रेजी भाषा भी काम करेगी। राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण हमें अपनी भाषा के लिए संघर्ष करना पड़ा। आज हम अपनी भाषा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी ने अपने काम में हिंदी भाषा को तरजीह दी है। हमारे देश में 70 करोड़ लोग हिंदी बोलते हैं और 100 करोड़ लोग हिंदी बोलने, लिखने और बोलने की क्षमता रखते हैं। हिंदी भाषा को 100 से अधिक देशों में लाने के प्रयास चल रहे हैं।
हिंदी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा
हिन्दी का भी विश्व में सम्मान हो रहा है। हिंदी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। हमने पूरी दुनिया में संयुक्त राष्ट्र संघ में एक समझौता किया है कि संयुक्त राष्ट्र भी हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा और हिंदी में एक समाचार ऐप की घोषणा की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी हिंदी भाषा को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। अंग्रेजों ने जो नीति बनाई, उसमें अंग्रेजी को सभी भाषाओं से ऊपर रखा गया और उन्होंने इसे लेकर हमारी सभी भाषाओं के बीच बहस छेड़ दी।
Gulabi Jagat
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