अम्बाला : नूंह दंगे को लेकर दुष्यंत चौटाला ने एक बार फिर प्रशासन पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि चौटाला ने कहा कि प्रशासन नूंह के हालात को समझने में नाकाम रहा है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के पास जलाभिषेक यात्रा में 3200 लोगों के पहुंचने की सूचना थी, लेकिन यह भी जांच का विषय है कि हजारों लोग वहां कैसे पहुंच गये और प्रशासनिक अधिकारियों को स्थिति बिगड़ने का अंदाजा कैसे नहीं हो सका. प्रशासनिक विफलता पर बोलते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रशासन के अधिकारी स्थिति का सही आकलन नहीं कर पाये. यह जांच का विषय है. नूंह में हुए दंगों पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार ने तीन से सात घंटे के भीतर स्थिति पर काबू पाकर एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है, जबकि कई राज्य ऐसे हैं जहां ऐसे दंगों पर दो से तीन दिन में भी काबू नहीं पाया जा सकता है. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि नूंह दंगे में जो भी शामिल था, चाहे वह नाबालिग हो या बालिग, किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नूंह दंगा सुनियोजित था. इसमें कोई राजनीतिक दल शामिल है या नहीं, यह व्यापक जांच का विषय है, जो एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर के नेतृत्व में चल रही है. एक सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को हटाने या किसी को नियुक्त करने से समस्या का समाधान नहीं होता है. अब हमने वहां स्थायी तौर पर आईआरबी बटालियन की नियुक्ति कर दी है.'बोलते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रशासन के अधिकारी स्थिति का सही आकलन नहीं कर पाये. यह जांच का विषय है. नूंह में हुए दंगों पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार ने तीन से सात घंटे के भीतर स्थिति पर काबू पाकर एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है, जबकि कई राज्य ऐसे हैं जहां ऐसे दंगों पर दो से तीन दिन में भी काबू नहीं पाया जा सकता है. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि नूंह दंगे में जो भी शामिल था, चाहे वह नाबालिग हो या बालिग, किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नूंह दंगा सुनियोजित था. इसमें कोई राजनीतिक दल शामिल है या नहीं, यह व्यापक जांच का विषय है, जो एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर के नेतृत्व में चल रही है. एक सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को हटाने या किसी को नियुक्त करने से समस्या का समाधान नहीं होता है. अब हमने वहां स्थायी तौर पर आईआरबी बटालियन की नियुक्ति कर दी है.'