छत्तीसगढ़

विश्व अल्ज़ाइमर दिवस: वस्तु रखकर भूल जाना, बातों का याद ना रहना यही है लक्षण

Nilmani Pal
20 Sep 2022 6:21 AM GMT
विश्व अल्ज़ाइमर दिवस: वस्तु रखकर भूल जाना, बातों का याद ना रहना यही है लक्षण
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जगदलपुर। दुनियाभर में हर साल 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस (World Alzheimer Day) मनाया जाता है। यह दिन अल्जाइमर बीमारी के नाम पर मनाया जाता है ताकि लोगों को इस रोग के बारे में जागरुक किया जा सके। अल्जाइमर एक प्रकार का मानसिक रोग है। इससे ग्रसित व्यक्ति अक्सर छोटी से छोटी बातें भी भूल जाता है। कहीं पर कुछ वस्तु रखकर भूल जाना, कुछ ही देर पहले की बात को भूल जाना आदि इस विकार के प्रमुख लक्षण हैं।

उदाहरण के तौर पर अगर व्यक्ति 15 मिनट पहले किया कोई काम भूल जाए या फिर यह सोचता रहे कि उसने यह काम किया था या नहीं, तो हो सकता है कि वह अल्जाइमर से ग्रसित हो। यह बीमारी अक्सर 60 से ज्यादा की उम्र के बाद लोगों को होती है। बुज़ुर्ग की अवस्था मे मस्तिष्क की कोशिकाएं कमजोर होकर सिकुड़ जाती हैं जिससे दिमागी काम करने की क्षमता कम होने लगती है| मस्तिष्क में होने वाली जटिल परेशानियाँ इस रोग का कारण है।

इस सम्बंध में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ ऋषभ साव ने बताया: " भूलने की बीमारी को अल्जाइमर कहते हैं। प्रायः लोग अल्जाइमर रोग को सामान्य लक्षण समझ कर नजरअंदाज कर देते है। जबकि यह पीड़ित व्यक्ति के लिए गंभीर भी हो सकती है। बस्तर जिले में प्रतिमाह औसतन 10 से 12 अल्ज़ाइमर से ग्रसित मरीज इलाज हेतु अस्पताल आते हैं। ऐसे मरीजों के इलाज में दवा के साथ साथ रोगियों और उनके परिजनों को कॉउंसलिंग की जरूरत होती है। इस वर्ष अलजाइमर दिवस " ज्ञान की शक्ति" (द पॉवर ऑफ नॉलेज) थीम पर मनाया जाएगा।" आगे उन्होंने बताया: " अल्ज़ाइमर रोग ज्यादातर वृद्धजनों को प्रभावित करता है। भूलने की स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए जरूरी है कि शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ ही मानसिक रूप से अपने को स्वस्थ रखना। दिमाग की कोशिकाओं को संतुलित करने के लिए दवाओं का प्रयोग किया जाता है। दवाओं के सेवन से रोगियों की याददाश्त और उसकी सूझबूझ में सुधार हो सकता है।"

अल्जाइमर से ग्रसित लोगों को निम्न समस्याएँ हो सकती है :-

● बार-बार बातों और प्रश्नों को दोहराने की आदत, ताकि उन्हें वह बात याद रहे।

● हाल में की गई बात भूल जाना।

● चीज़े रख कर भूल जाना और फिर न मिलने पर गुस्सा आना या ब्लड प्रेशर हाई होना।

● जानी-पहचानी जगहों में खो जाना।

● रोजमर्रा की वस्तुओं और करीबी लोगों के नाम भूल जाना।

● वस्तुओं की पहचान करने, विचार व्यक्त करने या बातचीत में भाग लेने के लिए सही शब्द खोजने में परेशानी होना।

● कमजोर याददाश्त की वजह से लोगों से घुलने मिलने में परेशानी होना।

● रात में नींद न आना।

● आंखों की रोशनी कम होने लगना।

● कुछ भी याद करने, सोचने और निर्णय लेने की क्षमता पर प्रभाव पड़ना, डिप्रेशन में रहना, और डर जाना।

अल्जाइमर से बचाव

इस बीमारी के सम्बंध मे परामर्श हेतु नजदीकी स्पर्श क्लिनिक में सम्पर्क किया जा सकता है। इसके आलावा नियमित रूप से व्यायाम करने के साथ पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेनी चाहिए। लोगों से मिलना जुलना चाहिए, जिससे डिप्रेशन न हो। अगर घर में पहले से किसी को यह बीमारी रही हो तो इस पर पहले ही ध्यान देना चाहिए। लर्निंग पावर को मजबूत करना चाहिए, जैसे किताबें पढ़ना, दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना। डिप्रेशन से दूर रहने के लिए अपना मनपसंद संगीत भी सुन सकते हैं।

Nilmani Pal

Nilmani Pal

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