छत्तीसगढ़

हाउसिंग बोर्ड से क्वींस क्लब की फाइल कहां गायब हुई?

Admin2
1 Oct 2020 7:03 AM GMT
हाउसिंग बोर्ड से क्वींस क्लब की फाइल कहां गायब हुई?
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सरकारी जमीन की लीज की शर्तों का उल्लंघन, जांच होना चाहिए

क्वींस क्लब को भूमि किस आधार पर, किस नेता और किस अधिकारी की शह पर अवैध तरीके से आवंटित की गई, इसकी जांच रिपोर्ट और संपूर्ण दस्तावेज की फाइल भाजपा के किस मंत्री के इशारे पर दबाई गई ?

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। क्वींस क्लब गोलीकांड मामले में अब कही न कही हाउसिंग बोर्ड के डिप्टी कमिश्नर रैंक के अधिकारी की संलिप्तता की जांच होनी चाहिए और हाउसिंग बोर्ड की इस जमीन में एक क्लब कैसे तैयार हो गया। हाऊसिंग बोर्ड के एक कार्यपालन अभियंता जो अब डिप्टी कमिश्नर है, जिसके यहां एसीबी का छापा भी पड़ा था। अपना कारोबार यही से बैठकर संचालित करता था। बडे ही रंगीन मिजाज के इस अफसर का क्वींस क्लब में दो-तीन कमरे हमेशा इनके नाम से बुक रहता है, जहाँ पर ये सुरा और सुंदरी का आनंद उठाता है। एवं जो अपने तथाकथित राजनीतिक पहुंच के धौस के दम पर ठेकेदारों से कमीशन खोरी भी ये जनाब क्वीन्स क्लब में बैठकर ही करता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार क्वीन्स क्लब की ओरिजिनल फाइल भी गायब है. लीज में भी भरपूर छूट दी गई थी ऐसी खबर है । इस अधिकारी का पूर्व रिकार्ड देखा जाये तो काफी घोटाले सामने आएंगे। इस अधिकारी से क्वींस क्लब ही नहीं गृह निर्माण मंडल के अधिकारी कर्मचारी भी कांपते थे, क्योंकि ये आरटीआई एक्टिविस्ट को हमेशा साथ रखता था उससे घनिष्टता बना कर रखा था जिससे सब खामोश हो जाते थे. पुलिस के पास जाँच के लिए काफी सबूत मिल जायेंगे। शासन चाहे भाजपा का रहा हो या कांग्रेस का, ये बड़ा ही चतुर खिलाड़ी था, भाजपा शासन में कुछ मंत्रियो को अपना खास बताता था और कांग्रेस शासन में भी दो बड़े मंत्रियों को अपना खास बता रहा है । एक मंत्री को तो अपना रिस्तेदार कहने में भी नहीं चूक रहा है। यही सब कारण है की अधिकारी कर्मचारी जुबान खोलते और बेखोफ होकर अनैतिक कार्य कर रहा है। ब्लैक मेल का वह मास्टर माइंड है, इसका पूर्व का रिकार्ड चेक किया जाये तो इसका कला चिटठा निकल जायेगा।

क्वींस क्लब की जमीन विवाद चर्चा में रहा

पुलिस को इस मामले में एक बार हाउसिंग बोर्ड की जांच करे तो हो सकता है क्वींस क्लब की जमीन की और भी कुछ राज़ लोगों के सामने आ जाये। क्वींस क्लब रायपुर शहर में एक चर्चा का विषय बन गया है, इस क्लब को बनकर तैयार हुए 7 से 8 साल से ज्यादा हो गए है मगर इस क्लब में कभी कोई जांच नहीं हुई। ये क्लब नशे के कारोबार में भी संलिप्त रहा है ऐसा भी जानकार लोग कहते है। प्रदेश में गरीबों को रोजी -रोजगार के साथ खाने के लाले पड़ ऱहे है और वही कुछ रइसजादे इस क्लब में ड्रग्स और नशा पार्टी करते पकड़े जाते है। इस क्लब की चर्चा पूरे शहर में चल रही है। मगर गोलीकांड के बाद से ये क्लब अब ज्यादा ही सुखिऱ्यों में हैं। ऐसा लगता है कि क्वींस क्लब का मामला अब राजनीतिक मुद्दा बन गया है। क्वींस क्लब की जमीन का विवाद भी बहुत चर्चित रहा है और जब हाउसिंग बोर्ड से खाली जमीन में ये क्लब बना तब से अमीर और रइस घराने के लोग इस क्लब में जाते है और यहां आकर नशे में डूबकी लगाते थे, सभी तरह के काले गोरख धंधे इस क्लब में चलते हैे। राजधानी रायपुर में हाउसिंग बोर्ड ने क्लब की जमीन के साथ खिलवाड़ किया, किस लिए जमीन का उपयोग होने वाला था और आज किस लिए उपयोग हो रहा है ये भी जांच का विषय है। ये खिलवाड़ खुद हाउसिंग बोर्ड प्रबंधन कर रहा है ।

मनमाने तरीके से क्लब के संचालक नशे का कारोबार चला रहे है और सभी नशे के कारोबारी इस क्लब में अपने गांजा, ड्रग्स, अफीम, चरस, ब्रॉउन शुगर सभी तरह की नशे की वस्तुएं इस क्लब में आती थी। क्वींस क्लब जहां राजनीतिक रसूखदारों ने हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर अपने बंगले अलाटमेंट कराए और पास में क्वींस क्लब बनाने मनोरंजन स्थल के लिए क्लब को जमीन देने की सहमति जताई और औने-पौने दाम पर क्वींस क्लब को हाउसिंग बोर्ड की जमीन दे दी गई।

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