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कोरबा। हाथी प्रबंधन की तकनीक को लेकर विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कोरबा जिले में हाथी उत्पात की समस्या से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयास की समीक्षा के बीच मित्र दलों से मिलकर अनुभव साझा किए जा रहे हैं। इसके कई अच्छे फायदे होने का दावा किया जा रहा है। एनवायरमेंट, क्लाइमेट चेंज और एलीफेंट इंसीडेंट मामलों के सदस्य केके बिसेन 2 दिन के दौरे पर कोरबा आए हैं।
उन्होंने यहां हाथी मित्र दलों से बातचीत की और उन्हें प्रशिक्षण दिया। मीडिया से हुई चर्चा में बिसेन ने बताया कि सरगुजा जिले में सबसे अधिक हाथी है। इसलिए कोरबा जिले में हाथी उत्पात से बचाव के लिए सरगुजा की कार्य पद्धति अपनाई जानी चाहिए।
बिसेन ने बताया कि अंबिकापुर और बिलासपुर सर्किल में आने वाले क्षेत्रों का भ्रमण करने के साथ वहां आवश्यक जानकारी दी जा रही हैं। उन्हें हाथी प्रबंधन से जुड़े पहलुओं से भी अवगत कराया जा रहा है। हमारा लक्ष्य शून्य दुर्घटना का है।
कोरबा जिले में एक दशक से भी अधिक समय से हाथियों का उत्पात बना हुआ है और इसके कारण कई मौकों पर जनधन की हानि हो चुकी है। इसके चलते जहां वन विभाग को लोगों का आक्रोश झेलना पड़ रहा है, वहीं मुआवजा के रूप में बड़ी राशि का भुगतान भी करना पड़ रहा है।
Shantanu Roy
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