फर्जी कागजातों से लोन लेने वाले गिरफ्तार, ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
बिलासपुर। चकरभाठा क्षेत्र में फर्जी दस्तावेज के सहारे पांच लोगों ने मिलकर बैंक से 89 लाख का लोन ले लिया। किस्त जमा नहीं होने पर बैंक अधिकारियों की टीम ने बताए पते पर संपर्क किया तो फर्जीवाड़े का पता चला। इसकी शिकायत पर पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपित के खातों से बैंक में 15 लाख रूपये जमा कराए गए हैं।
चकरभाठा स्थित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के मैनेजर विजय दिनकर ने धोखाधड़ी की शिकायत की है। मैनेजर ने बताया कि उनके बैंक से सात लोगों ने 89 लाख स्र्पये का पर्सनल लोन लिया है। लोन लेने वालों ने खुद को अलग-अलग विभागों में सरकारी कर्मचारी बताया था। लोन की किस्त जमा नहीं होने पर बैंक अधिकारियों ने बताए पते पर संपर्क किया।
इसमें पता चला कि लोन लेने वालों ने फर्जी दस्तावेज दिए हैं। इसके बाद बैंक प्रबंधन अपनी ओर से लोन लेने वालों की जानकारी जुटा रही थी। इसमें सफल नहीं होने पर बैंक मैनेजर ने धोखाधड़ी की शिकायत चकरभाठा थाने में की। चकरभाठा थाना प्रभारी मनोज नायक ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी। बैंक की ओर से दिए गए दस्तावेज में आरोपित के ठिकाने की सही जानकारी नहीं थी। इस पर एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट(एसीसीयू) के साथ टीम बनाकर मामले की जांच की गई। इसमें पांच आरोपित के ठिकाने की जानकारी मिली। सभी अलग-अलग जगहों के रहने वाले थे। एसीसीयू और चकरभाठा थाने की टीम ने अलग-अलग दबिश देकर पांच लोगों को हिरासत में ले लिया। उनके बैंक खातों में 15 लाख स्र्पये थे। इन स्र्पयों को बैंक के लोन खाते में जमा कराया गया। इसके बाद आरोपित को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है।
चकरभाठा थाना प्रभारी मनोज नायक ने बताया कि जांच के बाद कोटा क्षेत्र के नरोतीकापा निवासी ज्ञानदास मेरसा(50), रामकुमार खांडे(50), मदनलाल कुलमित्र(38) निवासी कुदुदंड, प्रदीप राव(44) निवासी सागरदीप कालोनी उसलापुर, रियाज खान(35) निवासी पुरानी बस्ती पेंड्रा को गिरफ्तार किया है। इनसे पूछताछ कर दो फरार आरोपित की तलाश की जा रही है।