तलवार की कीमत होती है धार से, पर अच्छे इंसान की कीमत होती है सद्व्यवहार से
रायपुर। राष्ट्र-संत श्री ललितप्रभ जी महाराज ने कहा कि जीवन ऐसे जियो कि जहां रहो सब आपको प्यार करें, जहां से आप जाओ पीछे सब आपको याद करें और आप जहां जा रहे हो वहां पर सब आपका इंतजार करें। या तो हम 100 किताबें लिख कर जाएं कि हमारे जाने के बाद भी यह दुनिया उन्हें पढकर जीना सीख सके या फिर ऐसा जीवन जीकर जाएं कि हम पर 100 किताबें लिखी जा सके।
संत प्रवर मंगलवार को श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ द्वारा विवेकानंद नगर स्थित जैन मंदिर के विशाल प्रांगण में आयोजित तीन दिवसीय प्रवचन माला के दूसरे दिन जीवन को परफेक्ट बनाने की कला पर श्रद्धालु भाई बहनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तलवार की कीमत होती है धार से, पर अच्छे इंसान की कीमत होती है सद्व्यवहार से। सद्व्यवहार करने वाला कभी नहीं मरता क्योंकि वह लोगों के दिलों में युगो युगो तक जीवित रहता है। उन्होंने कहा कि गॉड बनना या डॉग यह हम पर निर्भर है। जो अच्छे व्यवहार करते हैं वे गॉड बन जाते हैं और जो बुरा व्यवहार करते हैं वे डॉग जैसे रह जाते हैं। जहां सुंदर चेहरा 2 मिनट याद रहता है वहीं सुंदर व्यवहार औरों को जीवन भर याद रहता है। हम हाथ उठा कर दो लोगों का दिल भी जीत नहीं सकते पर हाथ जोडकर लाखों लोगों का दिल जीत सकते हैं। उदाहरण से संतप्रवर ने समझाया कि जैसे पुरुष लोग शादी से पहले जैसा व्यवहार करते हैं अगर वह वैसा ही शादी के बाद भी व्यवहार करें तो इस दुनिया में कभी तलाक की नौबत ही ना आए और महिलाएं शादी के बाद जैसा व्यवहार करती है अगर वह शादी से पहले वैसा ही व्यवहार करें तो इस दुनिया में कोई मूर्ख शादी ही न करें।
इससे पूर्व मुनि शांतिप्रिय सागर ने कहा कि अच्छी संगति जहां सद्गति का कारण है वहीं बुरी संगति दुर्गति का कारण है। हम जितना ध्यान पत्नी का चयन करने में रखते हैं उतना ही ध्यान हमें संगति का चुनाव करने में भी रखना चाहिए क्योंकि पत्नी गलत निकल गई तो इस जिंदगी को खराब करेगी पर संगति गलत हो गई तो हमारा जीवन बिगड़ जाएगा और इस भव के साथ आने वाले भव भी बेकार हो जाएंगे। बच्चों को अच्छी संगति देने की प्रेरणा देते हुए मुनि प्रवर ने कहा कि बारिश न हो तो फसलें खराब हो जाती है और अच्छी संगति न मिले तो नस्लें खराब हो जाती है। समय-समय पर बच्चों का मोबाइल चेक करते रहें ताकि वे गंदी चीजों से बच सकें। याद रखें, श्रेष्ठ बनने का एक ही मंत्र है अच्छे और सफल लोगों की संगति करो।
कार्यक्रम के दौरान साध्वी श्री मनोरंजना श्रीजी महाराज साहब ने भी श्रद्धालु भाई बहनों को गुरु भक्ति का पाठ पढ़ाते हुए धर्म लाभ प्रदान किया। धर्मसभा के आरंभ में दीप प्रज्ज्वलन जयकुमार बैद, प्रकाशचंद सुराना, प्रकाशचंद गोलछा, उज्जवल झाबक, मदनलाल तालेड़ा व गौतम लोढा के हाथों किया गया। स्वागत गीत की मधुर प्रस्तुति दी श्रीसंभवनाथ महिला मंडल ने। वहीं समस्त श्रद्धालुओं को ज्ञानपुष्प वितरण के लाभार्थी परिवार रहे मंगलचंद जयचंद लुनावत परिवार।
बुधवार को विवेकानंद नगर में प्रवचनमाला का समापन
राष्ट्र संतों के बुधवार को विवेकानंद नगर स्थित जैन मंदिर के विशाल प्रांगण में सुबह 9 से 11:00 बजे तक प्रवचनमाला का अंतिम दिवस रहेगा।
शाश्वत नवपदजी की ओली की आराधना 1 अक्टूबर से
श्रीऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट एवं श्रीदिव्य चातुर्मास समिति के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रसंत श्रीललितप्रभ सागरजी एवं डॉ. मुनिश्री शांतिप्रिय सागरजी के पावन सानिध्य में महामंगलकारी शाश्वत श्रीनवपद ओली की आराधना 1 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक एमजी रोड स्थित श्रीजिनकुशल सूरी दादाबाड़ी में होगी। राष्ट्रसंत 1 से 10 अक्टूबर तक दादाबाड़ी में विराजित रहेंगे, प्रतिदिन प्रवचन प्रात: 9 से 10.15 बजे तक, प्रतिदिन नवपद की ओली की क्रिया विधि प्रात: 10.30 से 11.30 बजे तक, आयंबिल प्रात: 11.45 बजे से की जाएगी। तपस्वियों का पारणा 10 अक्टूबर को प्रात: 8 बजे से कराया जाएगा। नवपदजी की ओली की आराधना व अनुष्ठान के लाभार्थी हैं- श्रीमती संपतबाई मोतीलाल संतोषचंद रंजना देवी दुग्गड़ परिवार धमतरी-रायपुर।