बिलासपुर। सिम्स में लगातार नवजात शिशुओं की मौत हो रही है. पिछले एक सप्ताह में 13 नवजात बच्चों की अकाल मृत्यु हो गई. जबकि, दो दर्जन बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है. बच्चों की मौत की वजह उनके समय के पूर्व जन्म को बताया जा रहा है. सभी शिशुओं का वजन डेढ़ किलो से कम था. छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में नवजात शिशुओं के इलाज के लिए 24 बिस्तरों का एनआईसीयू है. इसमें वेन्टीलेटर की सुविधा भी है. हर माह एनआईसीयू में करीब 200 नवजात शिशुओं को गंभीर हालत में भर्ती किया जाता है.
एम्स प्रबंधन के मुताबिक इनमें करीब 70 प्रतिशत मामले स्वास्थ्य केन्द्रों और जिला अस्पताल से रेफर होकर सिम्स पहुंचते है. वहीं एम्स प्रबंधन ने दावा किया है कि सिम्स में नवजात शिशुओं के उपचार में लगने वाली दवाएं निःशुल्क मिलती हैं. यहां तक की 5 हजार रुपए का इंजेक्शन भी फ्री लगाया जाता है. गंभीर मरीजों का निजी अस्पताल में इलाज कराने पर 1 लाख रुपए तक खर्च होते हैं, जबकि सिम्स में नाममात्र के खर्च पर उपचार होता है. लेकिन बावजूद इसके 13 शिशुओं की अकाल मौत के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.