छत्तीसगढ़

न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी की संवेदनशील पहल- बुज़ुर्ग की शिकायत पर न्यायमूर्ति ने लिया त्वरित संज्ञान

jantaserishta.com
15 March 2022 2:53 AM GMT
न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी की संवेदनशील पहल- बुज़ुर्ग की शिकायत पर न्यायमूर्ति ने लिया त्वरित संज्ञान
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बिलासपुर: आज दोपहर 1.30 बजे अशोक कुमार श्रीवास, उर्म- 67 वर्ष, निवासी गुरू अमेरी बिलासपुर, माननीय न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी से अपने पुत्र द्वारा प्रताडित किये जाने की शिकायत लेकर मिलने पहॅंुचा। उसने न्यायाधीश महोदय को मिलकर बताया कि उसका पुत्र सुरेंद्र श्रीवास जो कि शासकीय सेवा में है, ने उसको घर से मार-पीट के निकाल दिया तथा खाने पीने को देना बंद कर दिया। विगत 10 तारीख को अशोक के बेटे ने उसके ऊपर प्राणघातक हमला किया। जिससे उसके सिर में गंभीर चोट आयी एवं उसका बॉंया हाथ टुट गया। थाने पर रिपोर्ट की जाने पर अपेक्षित कार्यवाही पुलिस के द्वारा नहीं की गई। शहर के वरिष्ठ पत्रकार को नाई के कार्य करने वाले अशोक कुमार ने अपनी पीड़ा सुनाई, जिसपर उन्होनें अशोक कुमार को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से संपर्क करने की सलाह दी तथा मदद की । उनको यह मालूम था कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण वृध्दजनों के कल्याणार्थ अभियान करूणा संचालित कर रहा है। पीड़ित अशोक कुमार ने माननीय न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी, कार्यपालक अध्यक्ष महोदय को बताया कि बताया की लगभग दो वर्षों से उनके पुत्र ने उसे उसके स्वयं के घर से निकाल दिया है और वह दर-दर भटक रहा है, छत्तीसगढ़ भवन के समीप वह नाई का काम करता है जिससे मिले पैसे से वह किसी तरह 05-10 रूपये का खाना खा पाता है। मेरा पुत्र मेरी पत्नी को भी पीड़ित करता है ।अशोक कुमार ने अपने सिर में लगी चोट एवं टुटे हाथ को दिखाते हुए न्यायाधीश महोदय से निवेदन किया कि पुत्र के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उसे उसका मकान वापस दिलाया जावे। उसने बताया कि उसका पुत्र जिला पंचायत के किसी कार्यालय में पास के किसी गांव में सरकारी नौकरी करता है एवं उसकी पुत्र वधु घर में ब्यूटी पार्लर का कार्य संचालित करती है। पीड़ित अशोक कुमार की व्यथा सुनकर न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी ने सदस्य सचिव श्री सिध्दार्थ अग्रवाल को प्रकरण में शीघ्र कार्यवाही करते हुए आवेदक को शीघ्र न्याय दिलाने का निर्देश दिया। उन्होने कहा कि एक पुत्र द्वारा अपने पिता के साथ इस तरह अनुचित व्यवहार किया जाना अत्यंत अशोभनीय है।दोषी पुत्र के खिलाफ शीघ्र ही उचित कानूनी कार्यवाही एवं मदद किये जाने की आवश्यकता है। उन्होने यह भी कहा की वृध्द माता पिता की देखरेख की जिम्मेदारी, उनके संतान की होती है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर श्री सुधीर कुमार जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष महोदय ने आवेदक का दो प्रकरण क्रमशः भरण पोषण दिलाये जाने एवं उसकी सम्पत्ति पर उसका कब्जा दिलाये जाने हेतु तत्काल विधिक सहायता दिये जाने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिवक्ता अनुप कुमार की नियुक्ति की गई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सुमीत सोनी द्वारा प्रार्थी की शिकायत सकरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई तथा वृध्द को उसके अमेरी स्थित घर पर पहॅुचाया गया। पुलिस की उपस्थिति में उसके पुत्र को जो वर्तमान में बाहर गया हुआ है उसे दूरभाष पर पिता के घर में रहने के लिए समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया एवं उसकी बहू को भी समझाइस देकर, वृध्द अशोक कुमार को उसके घर में प्रवेश दिलाया गया।


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