रायपुर। सरकारी स्कूलों में आनंदपूर्वक सीखने हेतु ट्रांसफॉर्म स्कूल्स, पीपल फॉर एक्शन ने मस्ती की पाठशाला 2.0 एससीईआरटी, छत्तीसगढ़ की साझेदारी में लांच करने का पहल किया है। दीक्षा प्लैटफॉर्म के माध्यम से 12 घंटे की मजेदार शिक्षण सामग्री, मस्ती की पाठशाला 2.0 को डिजिटल माध्यम से 13 दिसंबर से 30 दिसंबर 2022 तक संचालित किया जाएगा।जिसमें मजेदार गतिविधि-आधारित सामग्री कक्षा 6-9 के छात्रों को सामाजिक - भावनात्मक शिक्षा, पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र विज्ञान की मूलभूत अवधारणाओं और स्वयं से करें जैसी अन्य गतिविधियों में संलग्न करेगी ताकि छात्रों के बीच उनके पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित की जा सके।
मस्ती की पाठशाला के इस दूसरे संस्करण का उद्देश्य, छात्र इस संवादात्मक शिक्षण सामग्री का उपयोग करते हुए सीखने की प्रक्रिया के साथ फिर से जुड़ना तथा अपनी गति से काम करना है । 21 वीं सदी के वास्तविक जीवन परिदृश्यों में यह कैसे फिट बैठता है, इसके बारे में वैचारिक स्पष्टता और जागरूकता का निर्माण करते हुए, छात्र सीखने के साथ इस तरह से जुड़ पाएँगे जो उनकी जिज्ञासा और अधिक सीखने के प्रति रुचि जगाएगा। मुख्य विशेषताएं: मूलभूत दक्षताएं, पारिस्थितिकी तंत्र, हमारा आवास, खाद्य श्रृंखला, स्थिरता, सचेतन जार, स्वयं से करें जैसी अन्य गतिविधियां शामिल हैं । साकिब अहसन स्टेट लीड, छत्तीसगढ़
"इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को सामाजिक एवं भावनात्मक शिक्षा, पर्यावरण और विज्ञान की मूलभूत अवधारणाओं और स्वयं से करें जैसी अन्य गतिविधियों को सीखने का मौक़ा मिलेगा,जिससे छात्रों के बीच उनके पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित की जा सके। इस कार्यक्रम का लाभ सभी छात्रों को मिले, इसके लिए सभी छात्र इस कोर्स में लॉगिन करें, शिक्षक अपने कक्षा के बच्चों के साथ गतिविधियों को साझा करें और पाठ पढ़ने के लिए बच्चों की रुचि उत्त्पन्न कर उन्हें प्रोत्साहित करेंगे" - श्री राजेश सिंह राणा, निर्देशक - एससीईआरटी, रायपुर छत्तीसगढ़
"मस्ती की पाठशाला 2.0 स्कूली शिक्षा को हमारे आसपास की दुनिया से जोड़ने का और एक जिम्मेदार वैश्विक नागरिक बनने का मौका देती है. । दो सप्ताह का यह जुड़ाव हमें हमारे परिवेश के प्रति जिम्मेदारी को समझने के साथ-साथ पारिस्थितिक तंत्र से परिचित होने और हमारे सामूहिक घर - पृथ्वी के प्रति हमारी भूमिका और जिम्मेदारी को समझने का एक अवसर प्रदान करेगी। यह कार्यक्रम अपनी रुचि और अपनी गति से सीखने की इच्छा को प्रोत्साहित करता है"- डॉ. रिचा गोस्वामी, सहयोगी निदेशक, ट्रांसफ़ॉर्म स्कूल