छत्तीसगढ़
साक्षी सुसाइड केस: एम्स के डायरेक्टर ने अपना पक्ष रखने के लिए मांगा समय
Shantanu Roy
29 March 2022 2:51 PM GMT
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छग
रायपुर। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य शशिकांता राठौर और अर्चना उपाध्याय की उपस्थिति में शास्त्री चौक स्थित, राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की गई. इस दौरान AIIMS साक्षी सुसाइड केस की सुनवाई भी की गई. एम्स के दो प्रकरणों में एम्स के डायरेक्टर ने बताया कि मृतका साक्षी दुबे के आत्महत्या के मामले में आमानाका पुलिस थाना और एम्स के स्तर पर जांच जारी है. एम्स की जांच रिपोर्ट आयोग कार्यालय में प्रस्तुत करने के साथ आवेदिका को भी इसकी प्रति देने की बात कही है.
इस प्रकरण में आवेदिका पक्ष ने जो दस्तावेज लगाए हैं, उनमें वहां पढ़ने वाले छात्रों के बीच मृतका के प्रकरण में काफी गम्भीर चर्चा अनावेदक के व्यवहार को लेकर की गई है. इसलिए इन बिंदुओं के लिए जांच कमेटी का गठन किया जाएगा. इस बीच आवेदिका आमानाका पुलिस थाना में किए गए कार्रवाई की जानकारी लेकर आयोग को सूचित करने को कहा गया. इसके साथ ही आवश्यकता पड़ने पर आमानाका थाने से सीधे रिपोर्ट मंगाई जा सकेगी. अनावेदक ने विभागीय कार्य का हवाला रखते हुए वकील रखने के लिए आयोग से निवेदन किया, जिस पर आयोग द्वारा बाद में विचार किया जाएगा. इस प्रकरण को आगामी सुनवाई में निराकृत किया जा सकेगा.
इसी तरह एम्स के दूसरे प्रकरण में आवेदिका ने अपनी पूरी जानकारी एम्स के डायरेक्टर डॉ नागरकर को अवगत कराया है. इस प्रकरण के अनावेदक सुनवाई में अनुपस्थित है और अनावेदक अभी कार्यरत नहीं है. उनके द्वारा आवेदिका के साथ जो भी निर्णय लिए गए हैं, उसके लिए उनके खिलाफ व्यक्तिगत निर्णय लिया जा सकेगा. वर्तमान में आवेदिका के साथ हुए अन्याय पूर्ण रवैये के लिए उनके सर्विस रिकॉर्ड में जो भी टिप्पणी अनावेदक ने किया है. उन सभी दस्तावेजों की जानकारी संक्षिप्त रूप में बनाकर आवेदिका एम्स के डायरेक्टर को 2 दिवस में प्रस्तुत कर देगी.
इसके साथ एम्स के डायरेक्टर आयोग को 15 दिवस के भीतर अपना स्पष्ट रिपोर्ट प्रस्तुत कर देंगे. उसके बाद आवेदिका अनावेदक के विरुद्ध जो भी पक्ष रखेगी. उसे अलग से सुना जाएगा. आगामी सुनवाई में अनावेदक के उपस्थिति हेतु पुलिस अधीक्षक के माध्यम से उपस्थित कराने के निर्देश दिए गए. एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने पिछली सुनवाई में अनावेदक को 50 हजार रुपये देना स्वीकार किया था, जो आज की सुनवाई में नही दी है. एफआईआर दर्ज किये जाने की बात सुनकर कल की सुनवाई में 50 हजार रुपये देना स्वीकार किया है. अनावेदक के पैसा वापस करने पर अग्रिम कार्यवाही किया जाएगा.
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के प्रकरण को पूर्व में नस्तीबद्ध किया गया था. अनावेदक द्वारा आयोग के निर्देशों का पालन नहीं करने दोबारा आवेदिका ने आयोग में शिकायत दर्ज की है जिसपर अनावेदिका के खिलाफ आवेदिका ने अपने फोन पर दोनो अनावेदकों के आपत्तिजनक फोटो आयोग को दिखाया. अनावेदिका ने आवेदिका से माफी मांगी और भविष्य में ऐसी गलती दोबारा नही करने की बात स्वीकार किया है. अनावेदिका स्वास्थ्य विभाग कोरबा में क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं. सिविल सेवा आचरण संहिता के तहत उसके इस तरह के अवैध सम्बंधों को लेकर आवेदिका उसकी शिकायत करने की अहर्ता रखती है, जिससे उसकी सेवा भी समाप्त की जा सकती है.
आयोग की समझाइश के बाद अनावेदिका ने अपनी गलती नही दोहराने की बात को स्वीकार किया है. किसी भी दशा में अनावेदिका आवेदिका के पति से संबंध रखती है तब ऐसी दशा में आवेदिका आयोग की ऑर्डरशीट की प्रमाणित प्रतिलिपी के साथ दोनो अनावेदकगणो के विरुद्ध थाने में दर्ज करा सकेगी, जिससे अनावेदिका की सेवा समाप्ति की कार्रवाई कर सकेगी. आवेदिका को अनावेदक पति पिछले 3 माह का भरण पोषण राशि 15 हजार रुपये आयोग की आगामी सुनवाई 13 अप्रैल को आयोग के समक्ष देगा. साथ ही प्रति माह 5 हजार रुपये आवेदिका के बैंक खाता में देने निर्देशित किया गया है. आज जनसुनवाई में 29 प्रकरण में 23 पक्षकार उपस्थित हुए, 3 प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया शेष अन्य प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया.
Shantanu Roy
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