छत्तीसगढ़

राजनांदगांव: लघुवनोपज संग्रहण से वनवासियों को मिल रहा लाभ

Janta Se Rishta Admin
30 Nov 2021 4:27 PM GMT
राजनांदगांव: लघुवनोपज संग्रहण से वनवासियों को मिल रहा लाभ
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छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्रों में प्रचुर मात्रा में लघुवनोपज का खजाना है। वनो में निवासरत वनवासियों के लिए लघुवनोपज संग्रहण आजीविका का साधन है। राजनांदगांव जिला सघन वन जैविविधिता से परिपूर्ण है तथा यहां लघुवनोपज एवं औषधीय पौधों से समृद्ध है। जिले में शासन द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर वनवासियों से लघुवनोपज की खरीदी की जा रही है। मानपुर अंचल में जहां महुआ बहुतायत होते हैं वहीं छुईखदान क्षेत्र में बेलगुदा, सरई तथा छुरिया विकासखंड में चिरायता जैसे औषधीय गुणों से युक्त वनोपज भी प्रचुर मात्रा में है।

छत्तीसगढ़ में 52 प्रकार के लघुवनोपज की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। जिससे लघुवनोपज संग्राहकों में खुशी है। वर्ष 2020-21 में 7753.69 क्ंिवटल लघुवनोपज का संग्रहण किया गया, जिससे समर्थन मूल्य पर खरीदी से लघुवनोपज संग्राहकों को 1 करोड़ 97 लाख 29 हजार रूपए की राशि मिली। वहीं वर्ष 2021-22 में 926.35 क्ंिवटल लघुवनोपज संग्रहित किया गया तथा 22 लाख 20 हजार 702 रूपए की राशि वनोपज संग्राहकों को मिली। महुआ, चिरायता, पुवाड़ बीज, कालमेघ, बेल गुदा, पलास फूल, आंवला, माहुल पत्ता, साल, लाख, भेलवा बीज, करंज बीज, बहेड़ा, फूल ईमली, धवई फूल, ईमली बीज, हर्रा, कोरिया छाल, बहेड़ा कचरिया, चिरौंजी गुठली जैसे बहुमूल्य लघुवनोपज का संग्रहण किया जा रहा है।

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