रायपुर। बच्चे का जन्म परिवार में खुशियां लेकर आता है । पर कभी-कभी नवजात का आगमन मां-बाप को खुशी का मौका देने के साथ ही उनके माथे पर चिंता की लकीर भी खींच देता है । जन्मजात विकृति के साथ पैदा हुए बच्चों के परिजनों को भविष्य की चिंता सताने लगती है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु योजना) के माध्यम से ऐसे बच्चों और उनके परिवारों की चिंता निःशुल्क जाँच एवं पूर्ण उपचार कर दूर की जा रही है।
चिरायु योजना (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) के माध्यम से वर्ष 21-22 में अब तक प्रदेश में 18 हजार 288 बच्चे जो विभिन्न बीमारियों से पीड़ित थे का पूर्ण उपचार किया गया है। इस योजना ने अनेक परिवारों की परेशानी दूर करने के साथ ही पीड़ित बच्चों को नव जीवन दिया है। बिलासपुर जिले के मस्तूरी ब्लाक के ग्राम भनेशर का बालक खोशांग दिव्य पिता संजय दिव्य का जन्म सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मस्तूरी में 15 दिसम्बर 2015 को हुआ था। बच्चे का जन्म से हृदय रोग से पीड़ित होने के कारण माता पिता द्वारा बच्चे का कई बड़े अस्पतालों में ईलाज करने का हर संभव प्रयास किया गया लेकिन बच्चे के दिल में बड़े छेद (VSD) होने की वजह से आपरेशन जटिल था और सर्जरी छत्तीसगढ़ में संभव नहीं थी।