रायपुर। पं. दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम, साइंस काॅलेज परिसर में पांच दिवसीय विशेष प्रवचनमाला के द्वितीय दिवस गुरूवार को संतप्रवर महोपाध्यायश्री ललितप्रभ सागरजी महाराज ने अपनी सोच को कैसे बनाएं पाॅजिटिव एवं पाॅवरफल विषय पर कहा कि इस दुनिया में इंसान के जीवन में सबसे बड़ी अगर कोई ताकत है तो वह है उसकी सोच। ये है तो जिंदगी है, और अगर ये नहीं है तो इंसान की जिंदगी में कुछभी नहीं है। किसी भी इंसान की जिंदगी के लिए ये तीन चीजें बेहद जरूरी होती हैं, नंबर एक- सफल जीवन, नंबर दो- सुखद जीवन और नंबर तीन- सार्थक जीवन। इंसान को अपनी जिंदगी में केवल सफल और सुखद ही नहीं सार्थक जीवन का मालिक भी जरूर बनना चाहिए। सफल व सुखद जीवन जीते हुए आप किसी जरूरतमंद के काम आएं यह है सार्थक जीवन। अगर इंसान का जीवन सार्थक हो गया तो सफलता और सुखी जीवन की भी गारंटी है। जीवन में हमेशा यह याद रखना कि जब हम उपर जाएंगे तो हमारा धर्म ही हमारे साथ जाएगा, धन यहीं का यहीं धरा रह जाएगा। इसीलिए अपने धर्ममय जीवन का अभिनंदन कीजिए।
यह प्रवचनमाला 6 नवम्बर तक प्रतिदिन प्रातः 9 से 10.30 बजे तक चलेगी। पांच दिवसीय इस विशेष प्रवचनमाला का आयोजन श्रीऋषभदेव मंदिर ट्र्स्ट, श्री दिव्य चातुर्मास समिति के तत्वावधान में एवं श्रीमती साधना-राजेश मूणत परिवार की विशेष सहभागिता से किया गया है। शुक्रवार, 4 नवम्बर को आखिर रिश्तों को कैसे मधुर बनाएं, 5 नवम्बर को कैसा बनाएं स्वभाव कि दूसरों पर पड़े प्रभाव विषय पर प्रवचन होंगे। 6 नवम्बर को विदाई समारोह- याद रहेगा रायपुरः याद रखेगा रायपुर का आयोजन होगा। 2 से 6 नवम्बर तक प्रवचन के पश्चात् कार्यक्रम स्थल पर ही भोजन प्रसाद की व्यवस्था रखी गई है।