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छत्तीसगढ़
राजनांदगांव। जिला राजनांदगांव के खैरागढ़ वन मंडल अंतर्गत 21 फरवरी की रात्रि पुलिस तथा वन मंडल खैरागढ़ के उप वन मंडल, गंडई की टीम ने सतर्कता और तत्परता का परिचय देते हुए अवैध रूप से तेंदुआ की खाल का परिवहन मौके पर ही पकड़कर भारी सफलता पाई है। 21 फरवरी रात्रि लगभग 8 बजे गंडई से साल्हेवारा सड़क मार्ग पर स्थित रेंगाखार वनोपज जांच नाका में वाहन की जांच के दौरान मारूति सुजुकी स्विफ्ट वाहन क्रमांक- सीजी 04 डीके 5700 से अवैध रूप से तेंदुए की खाल का परिवहन करते हुए अपराधियों को तेंदुआ की खाल एवं वाहन सहित स्थानीय पुलिस तथा वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की टीम के द्वारा रंगे हाथ पकड़ा गया।
वन मण्डलाधिकारी खैरागढ़ श्री दिलराज प्रभाकर ने बताया कि प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि तेंदुआ जिसकी खाल मौके पर पकड़ाई गई है उसकी आयु लगभग 4 वर्ष रही होगी। विषय वस्तु विशेषज्ञ से पुष्टि के लिए सैंपल को जबलपुर लेबोरेटरी भेजा जाएगा।
अवैध रूप से वन्य जीव तेंदुआ की खाल की तस्करी एवं परिवहन के अपराध में रामअवतार गुप्ता साकिन मकान नंबर 1580, वार्ड नंबर 11, कोहका, टाटा लाइन, सुपेला थाना, सुपेला, जिला दुर्ग, वीरेंद्र कुमार वर्मा साकिन ग्राम व पोस्ट चीचा, पुलिस चौकी लिटिया, थाना बोरी, जिला दुर्ग तथा रूकदेव परते साकिन रघोली, पोस्ट सालेह टेकरी, पुलिस चौकी सालेहटेकरी, थाना बिरसा, जिला बालाघाट, मध्यप्रदेश को मौके पर पकड़ा गया है जबकि तेजराम धुर्वे ग्राम झामुल थाना बिरसा, जिला बालाघाट, मध्य प्रदेश तथा गणेश साकिन बैहर, जिला बालाघाट, मध्यप्रदेश फरार हो गया। फरार अपराधियों की पतासाजी की जा रही है।
प्रकरण 22 फरवरी 2022 वन परिसर नवागांव उत्तर, रेंगाखार वनोपज जांच नाका अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया है। वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग खैरागढ़ वन मंडल के द्वारा अपराधियों के विरूद्ध कोर्ट चालान कर वैधानिक कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वन्य प्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 के अंतर्गत तेंदुआ शेड्यूल 1 का वन्यजीव है। अधिनियम अंतर्गत विभिन्न धारा में वन्य के विरूद्ध किए गए अपराध के लिए 3 से 7 वर्ष तक की सजा तथा जुर्माना का प्रावधान है।
वन मंडलाधिकारी खैरागढ़ द्वारा वनांचल के क्षेत्रवासियों से अनुरोध किया गया है कि वन, वानिकी, जैव विविधता तथा वन्य प्राणी संरक्षण एवं प्रबंधन में विभाग का सहयोग करें। वनों की अवैध कटाई, वन भूमि पर अतिक्रमण, अवैध उत्खनन, वनोपज का अवैध परिवहन, वन्य प्राणियों का शिकार, वनों में अग्नि प्रकरण जैसी घटनाओं को न स्वयं घटित करें न किसी के द्वारा घटित होने दें। इस प्रकार की समस्त घटनाएं वन अपराध की श्रेणी में आती हैं। जिनमें अपराधियों के विरूद्ध कारावास तथा जुर्माने के प्रावधान रहते हैं।
जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य निभाते हुए प्रकृति एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में अपना अमूल्य योगदान दें। तेंदुआ की खाल की अवैध तस्करी में रंगे हाथ अपराधियों को पकडऩे के लिए स्थानीय पुलिस अमला जिला राजनांदगांव का विशेष योगदान रहा। मुख्य वन संरक्षक दुर्ग वन वृत्त दुर्ग के दिशा- निर्देश तथा उप वन मंडल अधिकारी गंडई एमएल सिदार के मार्गदर्शन में अंकित पांडे, परिक्षेत्र अधिकारी साल्हेवारा परिक्षेत्र तथा स्थानीय वन अमला के द्वारा वनोपज जांच नाका पर तलाशी एवं रात्रि गश्त के दौरान अपराधियों को वन्यजीव तेंदुआ की खाल अवैध रूप से परिवहन करते हुए मौके पर पकड़ कर सराहनीय कार्य किया गया।
Shantanu Roy
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