कोरबा। नेशनल हाइवे निर्माण में जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजा बांटने में ग्रामीण ने भू अर्जन अधिकारी पर 4 लाख घूस लेने का आरोप लगाया है। साथ ही अपना मुआवजा दूसरे ग्रामीण को देने की शिकायत कलेक्टर से की है। चैतमा निवासी बाबूलाल व मूचू राम का कहना है कि जमीन अधिग्रहण के बदले में 46 लाख रुपए का मोजा तय हुआ था। इसमें पहली किश्त 22 लाख 76630 जारी हुई। दूसरी दूसरा किश्त देने के लिए भू अर्जन अधिकारी और बाबू ने 8 लाख रुपए की रिश्वत मांगी।
इसमें से 4 लाख रुपए गार्ड को दिए। उसके बाद भी मुआवजा की राशि बुधराम पिता शंभू राम नाम के ग्रामीण के खाते में जमा करा दिया। मामले में एसडीएम कौशल प्रसाद तेंदुलकर का कहना है कि वास्तविक भूमि स्वामी को मुआवजा बांटा है। जमीन के संबंध में दो लोग दावा कर रहे थे। इसके लिए पटवारी प्रतिवेदन भी मंगाया गया था, जिसमें पता चला कि बुधराम के पिता डोकरा के नाम पर ही मुआवजा प्रकरण तय हुआ है। शपथ पत्र और प्रतिवेदन मिलने के बाद भी मुआवजा का भुगतान किया है।