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छग
कवर्धा। मुख्यमंत्री बघेल की पहल पर कबीरधाम जिला आने वाले समय में छत्तीसगढ़ का मिलेट हब बनेगा। जिले में मिलेट मिशन के तहत किसानों को लघु धान्य फसलों की सही कीमत दिलाने आदान सहायता देने एवं खरीदी की व्यवस्था, प्रोसेसिंग और विशेषज्ञों की विशेषज्ञता का लाभ दिलाने की पहल की जा रही है। वैज्ञानिक तकनीक का मैदानी स्तर पर प्रसार के लिए जिले के किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बताया कि देश-विदेश में कोदो-कुटकी, रागी जैसे मिलेट की बढ़ती मांग को देखते हुए मिलेट मिशन से वनांचल और आदिवासी क्षेत्र के किसानों की न केवल आमदनी बढ़ेगी, बल्कि कबीरधाम को एक नई पहचान मिलेगी। वहीं मिलेट्स के प्रसंस्करण और वेल्यूएडिशन से किसानों, महिला समूहों और युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि कबीरधाम जिले के विकासखण्ड बोड़ला एवं पंडरिया में कोदो-कुटकी एवं रागी का उत्पादन होता है। कोदो, कुटकी और रागी जैसी लघु धान्य फसलें ज्यादातर वनक्षेत्रों में बोई जाती हैं। कोदो, कुटकी और रागी जैसी फसल पोषण से भरपूर हैं। देश में इनकी अच्छी मांग है। उन्हांने बताया कि शहरी क्षेत्रों में बहुत अच्छी कीमत पर ये बिकती हैं।
लेकिन जिले में पैदा होने वाली कोदो, कुटकी और रागी वनांचल से बाहर निकल ही नहीं पाई है। राज्य सरकार ने अब इन फसलों की पैदावार बढ़ाने, इनकी खरीदी की अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित करने और इनकी प्रोसेसिंग कर इन्हें शहर के बाजारों तक पहुंचाने के लिए मिशन-मिलेट शुरू किया है। राज्य सरकार ने कोदो, कुटकी और रागी का समर्थन मूल्य तय करने के साथ-साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में इन्हें भी शामिल किया है। कृषि विभाग के उपसंचालक राकेश शर्मा ने बताया कि लघु धान्य फसलों की खरीदी लघु वनोपज सहकारी संघ की वन-धन समितियों के माध्यम से किया जाएगा। जहा कोदो को 3000 रूपए, कुटकी को 3100 रूपए एवं रागी को 3578 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी किया जाएगा। इन फसलों की प्रोसेसिंग करके इनका उपयोग मध्यान्ह भोजन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, पोषण आहार कार्यक्रम जैसी योजनाओं में होगा। उन्होंने बताया कि मिलेट मिशन के अंतर्गत कोदो-कुटकी और रागी की फसल लेने वाले किसानों को 9 हजार रूपए प्रति एकड़ तथा धान के बदले कोदो-कुटकी और रागी लेने पर 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत पंजीयन कराने पर आदान सहायता दी जाएगी। लघु-धान्य-फसलों के वैल्यू एडीशन से स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर निर्मित होंगे। जिले के विकासखण्ड बोड़ला एवं पंडरिया में दो प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित हो चुकी है, जिसके माध्यम से स्व सहायता समूहों को इससे रोजगार मिल रहा है।
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Shantanu Roy
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