छत्तीसगढ़

जामा मस्जिद चुनाव: नाम जुड़वाने दो दिन बाकी

Nilmani Pal
4 Sep 2022 5:32 AM GMT
जामा मस्जिद चुनाव: नाम जुड़वाने दो दिन बाकी
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इतवार और पीर को ही नाम जुड़ पाएंगे

शांति पूर्वक और पारदर्शी चुनाव कराने एडहॉक कमेटी का गठन

जानकारी के अनुसार 4 से 5 प्रत्याशी मुतवल्ली पद के लिए किस्मत आजमा सकते हैं, 5 सितंबर के बाद मतदाता सूची फाइनल होने के बाद और नामांकन के बाद वास्तविक प्रत्याशियों की जानकारी मिलेगी

चुनाव स्थल का चयन 5 के बाद - संयोजक शोएब अहमद खान ने बताया कि अभी मतदाता पंजीयन का कार्र्र्य जोर शोर से चल रहा है। मतदाताओं की तादात बढऩा तय है, उसके हिसाब से सुविधाजनक स्थल का चयन 5 सितंबर के बाद किया जाएगा। जिस तरह लोगों में चुनाव को लेकर उत्साह है उसे देखते हुए सदस्यों की संख्या लगभग आठ से साढ़े आठ हजार तक होने के सभावना जताई जा रही है। ऐसे में इतने लोगों के लिए सुरक्षित चुनाव का चयन सर्वसम्मति से किया जाएगा। जिससे चुनाव का सफलता पूर्वक संचालन हो सके और किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा इस संबंध में कमेटी के सदस्य स्थल चयन करेंगे।

ज़ाकिर घुरसेना

रायपुर। जामा मस्जिद रायपुर में मुतवल्ली चुनाव रोचक होने की उम्मीद है। क्योंकि रायपुर नगर निगम क्षेत्र के सभी 70 वार्डों के मुस्लिम मतदाता जिन्होंने पंजीयन कराया है वो मतदान में भाग ले सकेंगे। मुस्लिम समाज सामाजिक स्तर पर सभी वार्डों को प्रतिनिधित्व देने के लिए मतदाता रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है ताकि शहर के सामाजिक सेवा से जुड़े लोग इस अहम चुनाव का हिस्सा बन सकें। राजधानी स्तर पर यह चुनाव हो रहा है जिससे लोगों की दिलचस्पी और बढ़ गई है। लगभग 25 से 30 साल बाद हो रहे चुनाव में मतदाता बनने के लिए दो दिन का समय बाकी रह गया है। इतवार और पीर को मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए समय है। वक्फ बोर्ड द्वारा शांति पूर्वक और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए एडहॉक कमेटी का गठन किया गया है। जिसमें शहर के गणमान्य लोगों के अलावा पुलिस विभाग के डीएसपी को भी शामिल किया गया है जिनके देखरेख में चुनाव संपन्न कराया जाना है। एडहॉक कमेटी के संयोजक सहायक ट्रांसपोर्ट कमिश्नर शोएब अहमद खान को बनाकर उनके साथ डीएसपी एसएन अख्तर, फरहान कुरैशी,जावेद अंसारी सहित मो. अनवारुल हसन,शेख अब्दुल करीम,मो. उस्मान भिन्सरा,शेख तनवीर नवाब, जिया कुरैशी, वकील अहमद, अब्दुल समद को भी एडहॉक कमेटी में शामिल किया गया है। कमेटी के सदस्य पूरा वक्त अभी मतदाताओं का रजिस्ट्रेशन करने में जुटे हुए हैं। कल 3 सितंबर तक लगभग 7030 मतदाताओं ने अपना रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। आज और कल दो दिन और बाकी है। पूर्व में नाम जुड़वाने का समय सुबह 11 से 5 बजे तक था लेकिन नौकरीपेशा वालो को ध्यान में रखते हुए अब इसे सुबह 11 से शाम 6 बजे तक कर दिया गया है। जनता से रिश्ता ने अपने पिछले अंक में लगभग आठ से साढ़े आठ हजार मतदाता होने का अनुमान लगाया था। जो सही साबित होते दिख रहा है।

कमेटी के संयोजक सहायक ट्रांसपोर्ट कमिश्नर शोएब अहमद खान ने बताया कि रजिस्ट्रेशन का काम पूर्ण होने के उपरांत स्क्रूटनी के बाद मतदाता सूची फाइनल किया जायेगा फिर मुतवल्ली पद के उम्मीदवारों को फार्म वितरण किया जायेगा। और चुनाव चिन्ह आबंटित किया जायेगा। कमेटी के सदस्य स्थल का भी चयन करेंगे जो मतदाता सूची फाइनल होने के बाद किया जायेगा। यह चुनाव प्रजातान्त्रिक तरीके से हो रहा है जिसमे बैलेट पेपर द्वारा चुनाव संपन्न होगा। इस बार अमानत राशि 20 हजार रूपये रखा जायेगा जो वापस नहीं किया जायेगा। गौरतलब है पूर्व मुतवल्ली हाजी अब्दुल अज़ीम भोंदू के इन्तेकाल हो जाने के बाद जामा मस्जिद का चुनाव कराया जा रहा है। प्रत्याशी और वोटरों के रुझान से ऐसा लगता है कि चुनाव काफी दिलचस्प होगा। मुतवल्ली के लिए कुल चार से पांच प्रत्याशी चुनाव में किस्मत आजमा सकते हैं। मुस्लिम समाज की सबसे बड़ी मस्जिद जामा मस्जिद होती है। जो काफी प्रतिष्ठित मानी जाती है। शासन प्रशासन में भी मुस्लिम समाज की ओर से जामा मस्जिद के मुतवल्ली को समाज के प्रतिनिधि की तरह माने जाते रहे हैं। और समय समय पर बैठकों में शामिल भी होते हैं। मुतवल्ली बनने के लिए दावेदारों ने अभी से लोगों से संपर्क बनाना शुरू कर दिए हैं। और अधिक से अधिक तादात में अपने समर्थकों को मतदाता बना रहे हैं। व्यक्तिगत रूप से मिलकर समर्थन मांग रहे हैं। साथ ही वॉट्सअप ग्रुप में प्रचार-प्रसार शुरू हो गया है। उम्मीदवारों से शपथ पत्र भी लिया जाएगा । नाम वापसी के बाद बचे उम्मीदवारों चुनाव चिन्ह आबंटित कर बैलेट पेपर तैयार किया जाएगा। कमेटी के सदस्य सदस्य चुनाव स्थल का चयन करेंगे जहां पर पार्किंग और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा। जहां इन सभी बातों की व्यवस्था होगी वहीं पर चुनाव स्थल बनाया जाएगा। जिसके लिए कमेटी के मेंबर संयोजक के साथ जगह का मुआयना करेंगे। इसके पहले जामा मस्जिद का चुनाव जुमें की नमाज के बाद उपस्थित जमातियों द्वार किया जाता था लेकिन इस बाद 25 से 30 साल बाद हो रहे चुनाव में शहर भर के मुस्लिमों का शामिल किया गया है। इस संबंध में कमेटी के संयोजक शोएब अहमद खान ने बताया कि सुरक्षा और पार्किंग को ध्यान में रखते हुए की मतदान केंद्र फाइनल किया जायेगा। जिसकी जानकारी जुमे के दिन सभी मस्जिदों में जानकारी भी भेजी जाएगी और एलन की गुजारिश भी की जाएगी ताकि सभी मतदाताओं को इसकी जानकारी हासिल हो और कोई भी मतदाता वोट देने से चूक न जाये।

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