x
छग
कोरबा। शहर के मुख्य बाजार में शुमार टीपी नगर और पावर हाउस रोड का फुटपाथ पूरी तरह से व्यवसइयों के कब्जे में है। रही सही कसर को अवैध पार्किंग ने पूरी कर दी है। वैवाहिक सीजन में सामान बिक्री की प्रतिस्पर्धा से यातायात नियम की धज्जिया उड़ रही है। सुनालिया चौक में 2017 से तैयार हो रही 1.5 करोड़ मल्टीपार्किंग अब तक उपयोग में नहीं आया। फुटपाथ में जगह नहीं होने से आम राहगीर सड़क पर चलने को मजबूर हैं।
शहर में व्यवस्थित यातायात के लिए की गई सभी कवायदे धरी की धरी रह गई है। व्यसायिक दृष्टि शहर के सबसे अधिक व्यवस्ततम कहे जाने वाले मार्ग में बकायदा सीमा रेखा खींच कर फुटपाथ के लिए रास्ता तय किया गया है। राहगीर फुटपाथ के बजाय सड़कों पर चलते देखे जा सकते हैं। व्यस्त मार्ग के अधिकांश भाग में व्यवसाइयों ने कूलर, आलमारी, फर्नीचर, रजाई, गद्दे जैसे सामानों को बिखेर कर रखा है। आगामी तीन मई अक्षय तृतीया तक वैवाहिक लग्न की भरमार है।
सामानों की खरीदी करने शहर के सड़क में पिछले सप्ताह भर से भीड़ देखी जा रही है। टीपी नगर मार्ग में कुछ व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को छोड़ दिया जाए तो शेष अन्य जगहों में पार्किंग की सुविधा नही है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए निगम प्रशासन की ओर 1.50 करोड़ की लागत से मल्टीलेबल पार्किंग का निर्माण कराया है। पावर हाउस और टीपी नगर के बीच निर्मित पार्किंग स्थल को उपयोग में लाने के लिए यातायात और निगम प्रशासन नाकाम है। इसका उपयोग अनिवार्यता से की जाए तो काफी हद तक शहर की यातायात सुविधा हो सकती है।
वाहन की अवैध पार्किंग को रोकने के लिए सुनालिया चौक ही नहीं बल्कि बुधवारी मार्ग में जैन मंदिर के पीछे पार्किंग स्थल बना है। यहां यातायात को दुरूस्त करने के लिए फुटओवर ब्रिज का निर्माण चार साल पहले किया गया है। 80 लाख की लागत से निर्मित ओवर ब्रिज का उद्देश्य पार्किंग व्यवस्था को दुरूस्त करना है। बाजार में खरीदारी के लिए आने वाले वाहन चालक जैन मंदिर के पीछे वाहन खड़ी कर बाजार जाने के बजाए अब भी सड़क में वाहनों की कतार लगी रहती है। लाखों खर्च के बाद भी समस्या से मुक्ति नहीं मिली है।
तीन किलोमीटर के अंतराल में चार रेल फाटक
शहर के सीएसईबी चौक पावर हाउस रोड की दूरी लगभग तीन किलोमीटर हैं। इतनी कम दूरी के बीच बायपास मार्ग में चार रेल फाटक का होना वाहन चालक और राहगीरों के लिए परेशानी का सबब है। सीएसईबी चौक में ओवर ब्रिज प्रस्तावित होने के बाद भी काम शुरू नहीं हुआ है। दूसरी ओर पावरहाउस रोड को यात्री वाहनों से निजात दिलाने ओवर ब्रिज का निर्माण किया, लेकिन पहुंच मार्ग अब तक नहीं बनाया है। ऐसे में अब भी मार्ग बसों व दीगर छोटे यात्री वाहनों का आवागमन जारी है।
रोकाछेका के बाद भी मवेशियों का डेरा
मवेशियों को सड़क दुर्घटना से बचाने के लिए राज्य शासन ने रोका छेका अभियान चला रखा है। जिसका पालन निगम क्षेत्र में पूरी तरह से नहीं हो रहा। शहर के सभी प्रमुख मार्गों में मवेशियों का जमावड़ा देखा जा सकता है। खासकर डीडीएम बायपास मार्ग, मुड़ापार, पुराना बस स्टैंड, दर्री रोड सड़क के किनारे वाहनों की चपेट में आकर मवेशी दुर्घटना का शिकार होते हैं। निगम प्रशासन की ओर मामले को गंभीरता से नहीं ली जा रही। व्यवस्था सुधार को लेकर शहर के मवेशी पालकों का भी सहयोगात्म रूख नहीं है। जिसका खामियाजा मवेशियों को भुगतना पड़ रहा है।
Shantanu Roy
Next Story