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बचेली। एनएमडीसी और राज्य सरकार के बीच जारी दो दिनों के ड्रामे का अंत आखिरकार शनिवार शाम को हो गया। सरकार के वन अमले ने बचेली के डिपॉजिट 5 से लौह अयस्क की लोडिंग पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि एनएमडीसी सरकार के 144 करोड़ रुपए टीपी शुल्क नहीं पटा रहा है। इसमें 79 करोड़ बचेली तो वहीं 65 करोड़ रुपए किरंदुल के खदानों के थे। बताया जाता है कि 2012 के बाद से यह शुल्क बकाया था। शुक्रवार को वन विभाग की एक टीम ने डिपॉजिट 5 के लोडिंग यूनिट में पहुंचकर काम बंद करवा दिया। इसके बाद बचेली से हैदराबाद तक हडक़ंप मच गया। एनएमडीसी के अधिकारी राज्य सरकार की इस कार्रवाई का विरोध करने लगे। इसी बीच एनएमडीसी की एक टीम हाई कोर्ट पहुंच गई और वहाँ इस संबंध में याचिका लगा दी। हाई कोर्ट की इस वक्त छुट्टी चल रही है, लेकिन उसके वैकेशन बेंच ने मामले को गंभीर मानते हुए शनिवार दोपहर बाद सुनवाई की और सुनवाई एनएमडीसी के पक्ष में रही कोर्ट ने राज्य सरकार की कार्रवाई पर रोक लगा दी और कहा कि आप इस तरह से लोडिंग नहीं रोक सकते।
सूत्र बताते हैं कि कोर्ट ने कहा कि यह कार्रवाई भूत लक्षीय प्रभाव के तहत की जा रही है। पुराने प्रकरण में उस वक्त कोई नोटिस भुगतान के लिए नहीं दी गई और अब उसकी वसूली के लिए इस तरह से लोडिंग नहीं रोकी जा सकती है। इस फैसले के बाद एनएमडीसी प्रबंधन ने राहत की सांस ली। एनएमडीसी के बचेली कॉम्प्लेक्स में 2 प्रोजेक्ट संचालित हैं। निक्षेप 5 और निक्षेप 10/11 जिसमें उत्पादन के आधार पर रोजाना 10 से 12 रैक लोडिंग प्लांट में लोड किया जाता है और डिस्पेच किया जाता है पर वन विभाग के अड़चन के वजह से 2 दिनों में यह आंकड़ा शुक्रवार को 6 और शनिवार को 4 रैंक तक रहा। बताया जा रहा है कि निक्षेप 5 की साइडिंग पूरी तरह से बंद है। वहीं निक्षेप 10/11 से दरमियानी रात 12 बजे से अब तक 4 रैंक लोड करडिस्पेच किया गया जिसके चलते एनएमडीसी को लगभग 20 करोड़ का नुकसान बचेली कॉम्प्लेक्स में हुआ है। अगर लोडिंग और डिस्पेच पूरी तरह से बंद हो जाता तो नुकसान का आंकड़ा 50 करोड़ तक जा सकता था। इधर, बीटीओए से जुड़े सभी वाहनों के पहिए थम गए हैं। रोजाना लगभग 200 ट्रकों को एनएमडीसी द्वारा लौह अयस्क की ढुलाई का काम भी बंद है, जिससे ट्रक मालिकों को बड़ा नुकसान हुआ है। अभिवहन पास शुल्क बकाया होने के चलते वन विभाग ने टीपी जारी करने पर प्रतिबंध लगा रखा था। जिससे एनएमडीसी ट्रकों को दुलाई के लिए माल नहीं दे रहा था। इस मामले को जल्द सुलझाकर ट्रकों को पुन: लौह अयस्क की दुलाई देने की मांग को लेकर बीटीओए के पदाधिकारी आज दोनों एनएमडीसी की परियोजना प्रमुखों से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।
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