छत्तीसगढ़

नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक

HARRY
23 Jun 2022 6:30 PM GMT
नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक
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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलाईगढ़ नगर पंचायत के अध्यक्ष के चुनाव पर रोक लगा दी है। दरअसल, यहां अविश्वास प्रस्ताव के बाद अध्यक्ष को तीन माह पहले हटा दिया गया था। इसके बाद से अध्यक्ष के खाली पद पर 24 जून को चुनाव कराने का फैसला लिया था, जिसे अवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

नगर पंचायत बिलाईगढ़ के पार्षद सोनल भट्‌ट ने अपने अधिवक्ता सुनील साहू के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें बताया गया है नगर पंचायत में अध्यक्ष का पद तीन माह से खाली है, जिसका चुनाव कराने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रक्रिया शुरू कर दी और अध्यक्ष के चुनाव के लिए 24 जून की तारीख तय कर दी।
नगर पंचायत निर्वाचन नियम के खिलाफ है चुनाव
याचिका में चुनाव के लिए अपनाई जा रही इस प्रक्रिया को चुनौती दी गई है। साथ ही कहा है कि नगर पंचायत निर्वाचन नियम और नगर पालिका अधिनियम के विपरीत है। विशेष रूप से नगर पालिका अधिनियम की धारा 37 और 45 के प्रावधानों का उल्लंघन कर चुनाव की तिथि तय की गई है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने के पहले राजपत्र में अधिसूचना जारी करने का प्रावधान है। लेकिन, यहां अधिसूचना जारी किए बिना ही चुनाव की तिथि तय कर दी गई है।
अध्यक्ष के चुनाव पर स्टे, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अपनी वैधानिक तर्कों के साथ तथ्यों व परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अंतरिम राहत देने का आग्रह किया। उनकी तर्कों को सुनने के बाद जस्टिस पीसेम कोशी ने अगली सुनवाई तक 24 जून को होने वाले अध्यक्ष के चुनाव पर रोक लगा दी है। साथ ही राज्य चुनाव आयोग, नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव, बलौदाबाजार के कलेक्टर, बिलाईगढ़ के SDM के साथ ही नगर पंचायत अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
अविश्वास प्रस्ताव के बाद खाली हो गया है नगर पंचायत का पद अध्यक्ष
दरअसल, बिलाईगढ़ नगर पंचायत के पार्षदों ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता व अध्यक्ष द्वारिका प्रसाद देवांगन के खिलाफ शिकायत की थी। जिसके बाद कलेक्टर ने 4 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव बुलाया था। इसमें 15 पार्षदों में से 13 पार्षद उपस्थित थे। वहीं दो पार्षद अनुपस्थित रहे। 13 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। इसके बाद अध्यक्ष को हटा दिया गया। अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद अध्यक्ष का पद खाली है।
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