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धमतरी। हाथी के हमले से पांच ग्रामीणों की हुई मौत के बाद वन विभाग महुआ बीनने के लिए जंगल में घुसे ग्रामीणों को लौटा रहे हैं, ताकि घटना न हो। गांवों में मुनादी कराकर अधिकारी-कर्मचारी जंगलों में तैनात है। वहीं हाथी से निबटने अब गांव-गांव में हाथी मित्र दल बनाने तैयारी जोरों पर है। दल में शामिल लोग रात में निगरानी के लिए आग जलाने लकड़ी से सामग्री तैयार कर रहे हैं, ताकि हाथी आग को देखकर भागे।
वन विभाग के एसडीओ हरीश पांडेय ने 12 अप्रैल को बताया कि हाथी अंचल के ग्राम भोभलाबाहरा के जंगल में है। इस हाथी पर नजर रखने वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी तैनात है। वहीं ग्रामीणों को हाथी से बचाने के लिए स्वयं टीम के साथ गांव-गांव पहुंचकर महुआ बीनने पहुंचे ग्रामीणों को लौटा रहे हैं, ताकि अब किसी तरह की अनहोनी न हो। वर्तमान में हाथी से बचाव के लिए एकमात्र उपाय ग्रामीणों की जागरूकता है।
हाथी के हमले से लगातार हो रही मौत के बाद टाइगर रिजर्व क्षेत्र में वन विभाग के उच्चाधिकारी निरीक्षण करने पहुंचे। हाथियों से बचाने ग्रामीणों को जंगलों की ओर जाने नहीं देने कहा गया है। इसके बाद से गांवों में मुनादी कराई गई है। वहीं ग्रामीणों के बीच अधिकारी पहुंचकर ग्रामीणों को हाथी से बचने के लिए उपाय भी बता रहे हैं, ताकि ग्रामीण सुरक्षित रहे।
हाथी मित्र दल बनाने तैयारी शुरू
एसडीओ हरीश पांडेय ने बताया कि वर्तमान में हाथी पर नजर रखने के लिए क्षेत्र के गांवों में हाथी मित्र दल के सदस्य तैनात है। हाथी की समस्या को देखते हुए अब गांव-गांव में हाथी मित्र दल का गठन किया जाएगा। प्रत्येक दल में 10 सदस्य होंगे। दल गठित करने के लिए तैयारी शुरू हो गई है। दल में शामिल ग्रामीणों को हाथी से बचने, खदेड़ने समेत कई जानकारी देने प्रशिक्षण दिया जाएगा।
ऐसे में ग्रामीण सुरक्षित रहेंगे। वहीं दल में शामिल लोग, वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, जनप्रतिनिधि व मीडियाकर्मियों का एक ग्रुप तैयार किया जाएगा, जिसमें हाथी के लोकेशन संबंधी पूरी जानकारी उस ग्रुप के माध्यम से मिल सके। 32 हाथियों का दल टाइगर रिजर्व क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। इन्हीं दल के एक हाथी बिछड़ा हुआ है, जो आक्रोशित होकर लोगों के दिखने पर हमला कर रहे हैं, जो लोगों के लिए जान का खतरा बना हुआ है।
Shantanu Roy
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