कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में वन कर्मचारियों की हड़ताल पर जाने से अब स्थिति ऐसी बनती जा रही है कि अब जिले के जंगलों की रखवाली भगवान और डीएफओ करेंगे। मांगों पर विचार नहीं होने के कारण रेंजर्स भी उनके समर्थन में मैदान पर आ गए हैं। ऐसे में जंगलों में जो भी होगा, इसकी जवाबदारी केवल अधिकारियों पर होगी।
कर्मचारी वेतन विसंगति सहित कई मुद्दों को लेकर हड़ताल पर डटे हुए हैं। कुदमुरा रेंज के प्रभारी अधिकारी भरत लाल ने बताया कि हड़ताल में अधिकांश कर्मचारी और अधिकारी शामिल हो गए हैं। इस स्थिति में जंगलों में क्या कुछ काम करना है, यह केवल डीएफओ स्तर के अधिकारी तय करेंगे।
काफी समय से चल रही वन कर्मचारियों की हड़ताल के कारण जंगलों में आगजनी, जंगल कटाई से लेकर दूसरी समस्याएं पैदा हो रही हैं। इन पर नियंत्रण कैसे किया जाना है, यह सरकार को देखना है। इन सब के बावजूद जिस तरह से कर्मचारियों की हड़ताल जारी है, उसे देखते हुए लगता है कि सरकार के उच्च अधिकारी कर्मचारियों के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं।