छत्तीसगढ़

ड्रग्स तस्करी: राज्य के कई जिलों में फैला है नेटवर्क...गिरफ्तार पैडलर्स का नेताओं-कारोबारियों से भी संपर्क

Nilmani Pal
4 Oct 2020 6:08 AM GMT
ड्रग्स तस्करी: राज्य के कई जिलों में फैला है नेटवर्क...गिरफ्तार पैडलर्स का नेताओं-कारोबारियों से भी संपर्क
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राजधानी में एक कॉलेज के सामने 4 दिन पहले पकड़े गए ड्रग पैडलर के मोबाइल और वाट्सएप चैट से रैकेट की परतें खुलने लगी है


जसेरि रिपोर्टर। रायपुर। राजधानी में एक कॉलेज के सामने 4 दिन पहले पकड़े गए ड्रग पैडलर के मोबाइल और वाट्सएप चैट से रैकेट की परतें खुलने लगी है। ड्रग्स पैडलर श्रेयांस और विकास राजधानी ही नहीं राज्य के कई शहरों बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव, खरसिया तक ड्रग्स की सप्लाई कर रहे थे। पुलिस की नोटिस के बाद दो ड्रग्स के खरीदार थाने पहुंचे। पुलिस ने उनसे करीब एक घंटे पूछताछ की। उन्होंने कई राज उगले। उनसे मिले क्लू की पड़ताल शुरु कर दी गई है। ड्रग्स के दोनों खरीदार युवक शहर के संभ्रांत परिवार के हैं। पुलिस का नोटिस घर पहुंचने पर परिजनों को उनकी नशे की लत का पता चला।

पुलिस की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि ड्रग्स पैडलर का नेटवर्क राज्य के कई शहरों में फैला है। वे मुंबई के अलावा नागपुर और दिल्ली से सफेद पावडर (कोकिन) मंगाकर सप्लाई करते हैं। एक ग्राम पावडर को आरोपी 8 से 10 हजार में बेचते हैं। नशे की लत में फंसे युवक मोटी रकम देकर खरीदते हैं। एसएसपी अजय यादव ने बताया कि शहर में नशे का कारोबार बंद करने लगातार कार्रवाई की जा रही है। पुलिस की अलग-अलग टीमें ड्रग्स से लेकर गांजा और नशीली दवाइयों के तस्करों को पकडऩे में जुटी है। नशे की जद में युवाओं के अलावा नाबालिग भी आ गए हैं। नशे के नेटवर्क को पूरी तरह खत्म किया जाएगा।

नेताओं से लेकर होटल कारोबारी संपर्क में

विकास के मोबाइल की जांच के दौरान कुछ राजनीतिक पार्टी से जुड़े रसूखदारों के करीबी रिश्तेदारों का नंबर मिला है। इतना ही नहीं शहर के अलावा राज्य के चर्चित कारोबारी और संभ्रांत परिवार के सदस्यों के भी नंबर मिले हैं। ये भी पता चल रहा है शहर के कुछ बड़े यूनिवर्सिटी के छात्र भी पैडलर से ड्रग्स खरीदते थे। मामला फूटने के बाद से अधिकांश का मोबाइल बंद हैं। सबसे चौकाने वाली बात यह है कि ड्रग्स खरीदने वालों में महिलाएं और युवतियां भी शामिल हैं। चर्चा है कि ड्रग्स का रैकेट फूटने के बाद से पुलिस भी कई ओर से दबाव आ रहे हैं। इसी वजह से पुलिस को शक है कि पकड़े गए आरोपी श्रेयांस का इस गिरोह से संबंध हो सकता है। श्रेयांस और विकास से जब्त तीनों मोबाइल के एक-एक नंबर की जांच की जा रही हैं। आरोपियों के मैसेज और वाट्सएप चैट भी देखे जा रहे हैं, क्योंकि आरोपियों को ऑर्डर चैट के माध्यम से मिलता थ

झुग्गी बस्तियों के बच्चों में सुलोशन की लत

राजधानी की हाईप्रोफाइल पार्टियों में ड्रग्स पार्टी करने वालो पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। और नशे के इस काले धंधे पर वार शुरू कर दिया है। राजधानी में अपराध दिन ब दिन बढ़ते जा रहे है। शहर के युवा नशे की गिरफ्त में आ गए है। स्थिति इतनी खराब है कि कम उम्र के नाबालिक बच्चे भी नशा कर रहें है। नशा एक धीमा जहर है। आज की युवा पीढ़ी ड्रग्स, अफीम, ब्राउन शुगर, तंबाकू, चरस, गांजा सहित अन्य नशीले पदार्थो का इस्तेमाल कर रही है। मुंबई में ड्रग्स आपूर्ति की आंच अभी ठंडी नहीं हुई है मगर राजधानी में इसका धुआं उठते दिख रहा है। कोकीन जिसे लोग वाइट पाउडर कहते है इसका खुमार अब युवाओं के सिर पर चढऩे लगा है और ये कोकीन मुंबई से ही यहां लाया जाता है।

नए-नए तरीके से कर रहें नशा : गांजा, भांग देशी व विदेशी शराब तो नशा के रूप में उपयोग किया जाना आज आम बात सी हो गई है। बच्चों द्वारा द्वारा इजाद किया गया नशा बोनफिक्स तथा सुलेसन को सूंघ कर नशा किया जाना वास्तव में चौकाने वाला है। आज के दिनों में 10 से 22 वर्ष तक के बच्चों द्वारा इजाद किया गया यह नया नशा धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है। बोनफिक्स का नशा अधिकाश बच्चों में लत बना गया है। बोनफिक्स, सुलेसन जो किसी टूटे हुए वस्तु के ठीक करने के उपयोग में लाया जाता है। लेकिन बच्चे इसका उपयोग नशा के रूप में इस तरह से इस्तेमाल करते हैं। पेस्ट को सूती कपड़े या फिर प्लास्टिक में निकल कर हल्का धूप लगाकर सांसों द्वारा ऊपर खींचते हैं। एक से दो बार यह क्रम करने के बाद वे बधो खुद व खुद नशे कि हाल में आ जाते हैं। इसके बाद उन्हें यह कहां पता होता है कि सामने कोई और है भी या नहीं।

450 किलो गांजा और एक किलो अफीम जब्त, तीन गिरफ्तार

डायरेक्टर आफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआइ) रायपुर की टीम ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने मंदिर हसौद थाना क्षेत्र से एक ट्रेलर से 450.432 किलोग्राम गांजा और 1.1 किलोग्राम अफीम जब्त की है। मामले में डीआरआइ ने ट्रेलर के ड्राइवर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। मामले में आगे की जांच चल रही है। गौरतलब है कि डीआरआइ जोनल आफिस इंदौर और रिजनल यूनिट रायपुर की टीम ने संयुक्त कार्रवाई की है। टीम को सूचना मिलने पर उसने बताए गए ट्रेलर को मंदिर हसौद क्षेत्र में पकड़ा। मिली जानकारी के अनुसार ट्रेलर का ऊपर और पीछे का हिस्सा पूरा खाली था, लेकिन जब टीम ने गहराई से जांच की तो उसमें एक अलग से चादर बिछाकर गुप्त रूप से उसके नीचे गांजा छिपाया गया था। टीम ने वाहन के साथ उक्त पदार्थ को एनडीपीएस अधिनियम के तहत जब्त कर लिया है। पकड़े गए लोगों से अब टीम गांजा और अफीम के संबंध में जानकारी जुटा रही है। इस मामले में जब रायपुर पुलिस के ग्रामीण एडिशनल एसपी तारकेश्वर पटेल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

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