डीकेएस के डॉक्टरों ने दिखाया कारनामा, बच्चे का बिना चीरफाड़ के हुआ सफल इलाज
रायपुर। राजधानी के दाऊ कल्याणसिंह सुपरस्पेशलिटी (डीकेएस) अस्पताल में कुछ दिनों पहले पैर की गंभीर किस्म की समस्या का इलाज किया गया। 24 घंटे के बच्चे का पैर 90 डिग्री घूमा हुआ था, घुटना उल्टा था, पेट को पैर छू रहा था, जिसे बिना चीरफाड़ के सीधा किया गया। डाक्टरों का कहना है कि इसे कंजेक्शनल डिसलोकेशन आफ नी (जन्माजात घुटने का डिसलोकेशन) कहा जाता है। डिसलोकेशन तब होता है, जब घुटने की हड्डियां अपने स्थान से थोड़ी, पूरी या कुछ हद तक खिसक गई हों। यह समस्या एक लाख बच्चों में किसी एक को होती है।
मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ जिले की रहने वाली अंजलि दास का प्रसव एक अस्पताल में हुआ। वहां के डाक्टर ने बच्चे के पैर को घूमा हुआ, घुटने को उल्टा देखकर जन्म के तुरंत बाद डीकेएस अस्पताल रेफर कर दिया। यहां पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक सर्जन डा. रमन श्रीवास्तव ने बच्चे का इलाज किया। डाक्टरों ने बच्चे के पैर को मेनीपूलेशन और प्लास्टर के द्वारा दो सप्ताह में ठीक कर दिया।
डा. श्रीवास्तव का कहना है कि समय पर बच्चा अस्पताल पहुंच गया, इसलिए आपरेशन की जरूरत नहीं पड़ी। यदि विलंब किया गया होता तो बिना बड़े आपरेशन के पैर को सीधा करना संभव नहीं होता। निजी अस्पतालों में ऐसी सर्जरी के लिए 50 से 60 हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं। उनका कहना है कि किसी भी बीमारी का यदि समय पर अस्पताल पहुंचकर इलाज कराया जाए तो उसके ठीक होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।