छत्तीसगढ़

जंबो कार्यकारिणी के बाद भी कांग्रेस में असंतोष, सक्रिय कार्यकर्ताओं को जगह नहीं देने का आरोप

jantaserishta.com
17 Feb 2021 5:34 AM GMT
जंबो कार्यकारिणी के बाद भी कांग्रेस में असंतोष, सक्रिय कार्यकर्ताओं को जगह नहीं देने का आरोप
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लोकप्रियता का आलम यह है कि हर कोई पद पाने को आतुर

पार्टी के वफादार और निष्ठावान भी अब पद के लिए लगा रहे जोड़तोड़

रायपुर (जसेरि)। पीसीसी द्वारा घोषित शहर जिला कांग्रेस की कार्यकारिणी को लेकर कार्यकर्ताओं में असंतोष है। धीरे-धीरे कार्यकर्ताओं की नाराजगी सामने आने लगी है। कांग्रेस ने जंबो कार्यकारिणी घोषित करके सभी को साधने की रणनीति तो बनाई लेकिन असंतोष कम नहीं हुआ।
पीसीसी ने इस बार कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष और महामंत्री के पदों को बढ़ाकर 12-12 कर दिया है। पहले महामंत्री और उपाध्यक्ष के पद 8-8 होते थे। बताया जा रहा है कि कार्यकारिणी घोषित होने के एक घंटे बाद इसमें बदलाव करते हुए कुछ नए नाम जोड़े गए।
संशोधित कार्यकारिणी में संयुक्त महामंत्री के साथ ही तीन सचिव, दो विशेष आमंत्रित सदस्य के अलावा एक स्थाई आमंत्रित सदस्य का नाम जोड़ा गया। विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र छाबड़ा और कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर को कार्यकारिणी में एडजस्ट किया गया। इस कार्यकारिणी में 57 सचिव और 46 संयुक्त महामंत्री के नाम शामिल हैं। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि शहर में और सोशल मीडिया में सक्रिय रहने वाले कुछ कार्यकर्ताओं को कार्यकारिणी में शामिल नहीं किया गया है। यहीं नहीं शहर के तीन विधानसभाओं में कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है। कार्यकारिणी में दो नेताओं के समर्थकों की संख्या ज्यादा है। जानकारों का कहना है कि नाराजगी की असल वजह एमआईसी सदस्य, पार्षद और पार्षद-पतियों को कार्यकारिणी में शामिल किया जाना है।
जिला महामंत्री की नियुक्ति पर उठ रहे सवाल : जिला कार्यकारिणी को लेकर संगठन में असंतोष का माहौल बन गया है। अंतागढ़ कांड के आरोपी मंतूराम पवार के एक साथी को रायपुर जिला का महामंत्री बना दिया गया है। इसे लेकर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में असंतोष है। विधानसभा चुनाव के पहले अंतागढ़ कांड को लेकर मंतूराम पवार ने पत्रकार वार्ता ली थी। उनके साथ मंच पर मनोज राय भी थे। दोनों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ खुलकर बोला था। इसके बाद भी मनोज राय को रायपुर जिला कार्यकारिणी में महामंत्री का पद दे दिया गया है, जबकि महामंत्री पद के लिए कई नेता और वरिष्ठ कार्यकर्ता दावेदार थे। इस प्रकरण के एक साल बाद 2015 में एक खरीद-फरोख्त का खुलासा करने वाला टेप सामने आया।
इसके बाद से इस प्रकरण को अंतागढ़ टेप कांड के नाम से जाना जाता है। इस प्रकरण में रायपुर की पूर्व महापौर और महिला आयोग की अध्यक्ष तथा अधिवक्ता डाक्टर किरणमयी नायक ने प्रकरण दर्ज कराया था। डाक्टर नायक की शिकायत में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, उनके पुत्र और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी, भाजपा नेता व पूर्व मंत्री राजेश मूणत, मंतूराम पवार के अतिरिक्त पूर्व मुख्य तथा भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डाक्टर रमन सिंह के दामाद डाक्टर पुनित गुप्ता का नाम शामिल था।


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