रायपुर। पंचशील बुद्ध विहार राजेन्द्र नगर में गणतंत्र दिवस पर परिचर्चा कार्यक्रम का पंचशील बौद्ध संघ ने आयोजित किया अध्यक्षता - संघ के अध्यक्ष आयु. सुनिल गणवीर ने किया, विशेष अतिथि ले. धम्मपाल देशभ्रतार, दिपक बंसोड़, अनिल बंसोड़ थे, धम्मपाल देशभ्रतार ने अपने वक्तव्य में कहा संविधान की मूल भावना प्रत्येक भारतीय नागरिक की स्वतंत्रता पर आधारित है, और यह स्वतंत्रता बिना समता के अधुरी है, एक व्यक्ति एक मत एक किमत के आधार पर प्रत्येक व्यक्ति को संवेधानिक स्वतंत्रता प्राप्त हो चुकी है, इस समता को सामाजिक आर्थिक व राजनीतिक परिवेश में ढालना होगा अन्यथा, इससे विपरीत परिस्थिति से प्रताड़ित लोग इस जनतंत्र के महल को तहस नहस कर देगें, यह चेतावनी संविधान रचियता डॉ. बाबासाहब आम्बेडकर ने संविधान सौंपते 26 नंवबर 1949 को दी थी, संघ के सचिव दीपक बंसोड़ ने कहा आज हमें प्रण करना चाहिए कि प्रत्येक व्यक्ति को संविधान की मूल भावना से परिचित करना, संविधान को पढ़ना और उस पर अमल यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है.
अध्यक्षता करते हुए सुनिल गणवीर ने कहा भारतीय संविधान का मूल ह्रदय संविधान की प्रस्तावना में दिया है, जिसमें समता ,स्वतंत्रता, न्याय और बंधुत्व और इसकी धमनियां निश्पक्ष चुनाव प्रणाली है, भारत का प्रत्येक निर्वाचित प्रतिनिधि संविधान की शपथ ग्रहण करता, साथ ही सभी नागरिकों को संविधान की शपथ ले पालन करने की आवश्यकता है. कार्यक्रम में प्रमुख रूप से महेश बोरकर, विद्या बागडे, इंदिरा बोरकर, संजय फूले, गजानद सवार, ज्योत्सना मेश्राम, पूणिमा यस्नकर, अरूणा मेश्राम, सुनंदा सहारे,ललिता टेभुणे, चंद्रशेखर,राजकुमार हमने, खुशी सहारे, प्रियाशु बोरकर, आदि उपस्थित थे.